भूषण शर्मा/नूरपुर: हिमाचल प्रदेश के नूरपुर ब्लॉक में बने प्राचीन प्रसिद्ध डिब्केशवर महादेव शिव मंदिर सुलयाली को लेकर काफी मान्यता है. लोग दूर-दूर से यहां पूजा करने आते हैं. खासकर सोमवती अमावस्या पर यहां भक्तों की अच्छी-खासी तादाद देखी जाती है. इसी कड़ी में आज सोमवती अमावस्या के अवसर पर पूजा अर्चना के लिए हजारों श्रद्धालु सुबह से ही यहां आना शुरू हो गए. 


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हजारों साल पुराना है डिब्केशवर महादेव मंदिर
बता दें, यह प्राचीन डिब्केशवर महादेव मंदिर हजारों साल पुराना है. कहा जाता है कि यहां गुफा में भोलेनाथ स्वयं शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं. सोमवती अमावस्या के दिन लोग यहां स्नान, हवन, पूजा-अर्चना, पीपल की परिक्रमा करके अपने पितरों से आशीर्वाद लेते हैं और अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं. यहां ना सिर्फ हिमाचल प्रदेश बल्कि पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों से भी भारी संख्या में श्रद्धालु पूजा के लिए आते हैं. 


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कलयुग से पहले हर साल आती थी सोमवती अमावस्या
मंदिर के पंडित संजय शर्मा ने बताया कि कौरवों पांडवों के समय सोमवती अमावस्या हर महीने पड़ती थी, लेकिन उस समय ऐसी प्रार्थना की गई, कि यह अमावस्या कलयुग में साल में तीन या चार बार ही आए. तब से सोमवती अमावस्या साल में दो या तीन बार ही आती है. पंडित संजय शर्मा ने बताया कि सोमवती अमावस्या के अवसर पर यहां भक्तों की भारी भीड़ देखी जाती है. भक्त यहां आकर पूजा-अर्चना करके अपने परिवार की सुख-समृद्धि और पितरों के उद्दार की कामना करते हैं. उन्होंने बताया कि सोमवती अमावस्या पर पूजा करना सामान्य कार्य नहीं है. इससे कई प्रकार की सुख-समृद्धि प्राप्त होती है. 


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पंजाब से आए श्रद्धालुओं ने कही ये बात
यहां आए श्रद्धालुओं ने कहा कि वे पहली बार पूजा के लिए यहां आए हैं. उन्हें यहां आकर काफी अच्छा लग रहा है. इन श्रद्धालुओं ने बताया कि वे पंजाब के पूजा के लिए यहां आए हैं और उन्हें यहां आकर काफी सुकून भी महसूस हो रहा है. 


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