Bilaspur News: हिमाचल प्रदेश के नगर नियोजक, आवास और तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्मानी ने कहा कि पिछले दो वर्षों में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा बिलासपुर जिला में विभिन्न सामाजिक पेंशन योजनाओं के तहत एक अरब पचास लाख रुपये से अधिक की राशि व्यय की गई है. 


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इन योजनाओं का उद्देश्य जरूरतमंद वर्गों को वित्तीय सहायता प्रदान कर उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर प्रदान करना है. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने वंचित, कमजोर और जरूरतमंद वर्गों के सशक्तिकरण के लिए अभूतपूर्व प्रयास किए हैं.


वहीं मंत्री राजेश धर्मानी ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के अंतर्गत प्रदेश सरकार ने बिलासपुर जिले के वंचित वर्गों को वित्तीय सहायता प्रदान करते हुए पिछले दो वर्षों में उल्लेखनीय कार्य किया है. वित्त वर्ष 2023-24 में इस योजना के तहत 79.70 करोड़ रुपये की राशि खर्च कर 48,386 लाभार्थियों को पेंशन प्रदान की गई.


इसी तरह वित्त वर्ष 2024-25 में 64.51 करोड़ रुपये व्यय कर 49,005 पात्र व्यक्तियों को इस योजना का लाभ दिया गया. वहीं, इस योजना का उद्देश्य वृद्धजन, विधवा महिलाएं, दिव्यांग व्यक्ति और अन्य जरूरतमंद वर्गों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है.


पेंशन राशि पात्र व्यक्तियों के बैंक खातों में सीधे हस्तांतरित की गई, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित हो सकी. साथ ही उन्होंने कहा की इस योजना के माध्यम से हजारों परिवारों को आर्थिक स्थिरता मिली है, जो समाज में असमानता को कम करने और कमजोर वर्गों के जीवन स्तर को सुधारने में सहायक सिद्ध हुई है. वहीं राजेश धर्मानी ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण को प्राथमिकता देते हुए 18 से 59 वर्ष की पात्र महिलाओं को इस योजना के तहत प्रति माह 1,500 रुपये प्रदान किए गए.


दो वर्षों में 3,254 महिलाओं को कुल 1.40 करोड़ रुपये की सहायता दी गई. साथ ही उन्होंने बताया कि जिन परिवारों को आवास की आवश्यकता थी, उनके लिए इस योजना के तहत 76 पात्र लाभार्थियों को मकान निर्माण के लिए 1.14 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी गई.


इसके अलावा अंतरजातीय विवाह पुरस्कार योजना के अंतर्गत समाज में समरसता को बढ़ावा देने के लिए दो वर्षों में 60 दंपतियों को 30 लाख रुपये और 39 दंपतियों को 19.50 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई और जिला में अनुसूचित जाति और जनजाति अत्याचार पीड़ितों को राहत राशि योजना के अंतर्गत 49 पीड़ितों को 39.45 लाख रुपये की राहत राशि प्रदान की गई.


इसी प्रकार दिव्यांगजनों के लिए दिव्यांग छात्रों को शिक्षा प्रोत्साहन योजनाओं के तहत दो वर्षों में 228 छात्रों को 25.53 लाख रुपये की छात्रवृत्ति दी गई. इसके अलावा दिव्यांग विवाह अनुदान योजना के तहत 21 पात्र व्यक्तियों को 6.50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई। साथ ही उन्होंने कहा की अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के पात्र व्यक्तियों को कंप्यूटर प्रशिक्षण के लिए 2.92 लाख रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की गई.


उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को इस योजना के तहत मुख्य आजीविका कमाने वाले सदस्य की मृत्यु पर 146 परिवारों को 29.20 लाख रुपये की सहायता दी गई है.


रिपोर्ट- विजय भारद्वाज, बिलासपुर