Dharamshala News: तिब्बती नववर्ष लोसर के 15वें दिन शनिवार को तिब्बतियों के सर्वोच्च धर्मगुरु दलाईलामा का आशीर्वाद लेने चुगलाखंग बौद्ध मठ में निर्वासित तिब्बतियों, बौद्ध भिक्षुओं और देश-विदेश के बौद्ध अनुयायियों की भीड़ जुटी. 


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लोसर के 15वें दिन हर वर्ष दलाईलामा निर्वासित तिब्बतियों को अपना आशीर्वाद देते हैं. शनिवार को धर्मगुरु के दर्शनों के लिए सुबह 5 बजे ही बौद्ध मठ में भीड़ जुटना शुरू हो गई थी. निर्वासित तिब्बतियों के अनुसार, नववर्ष पर धर्मगुरु के दर्शन उनके लिए अनमोल हैं. यही वजह है कि काफी संख्या में निर्वासित तिब्बती लोसर के 15वें दिन धर्मगुरु द्वारा दी जाने वाली शिक्षाओं के श्रवण के लिए पहुंचे थे. 


तिब्बती युवती तेंजिन ने बताया कि आज धर्मगुरु ने हमें आशीर्वाद देते हुए कहा है कि सब पर करूणा करनी है. किसी का अच्छा नहीं कर सकते तो, किसी को बुरा भी न करें. हम सभी तिब्बतियों के लिए धर्मगुरु के दर्शन बेहद महत्वपूर्ण हैं. धर्मगुरु की वजह से तिब्बतियों को पढ़ाई करने का मौका मिला. भारत में रहने के लिए जगह मिली.


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फ्रांस से आई बौद्ध अनुयायी ने कहा कि आज का दिन महत्वपूर्ण है क्योंकि तिब्बती नववर्ष लोसर के चलते धर्मगुरु दलाईलामा की शिक्षाओं को सुनने का मौका मिला. तिब्बती नववर्ष पर मेरे के लिए धर्मगुरु की शिक्षाओं का श्रवण करना बेहद अहम है. रोमानिया से आए पर्यटक ने कहा कि यहां आकर अच्छा लगा. तिब्बतियों के धर्मगुरु की शिक्षाएं सुनी हैं, जिन्होंने शिक्षाओं में शांति, करुणा व सदभाव का संदेश दिया है. 


रिपोर्ट- विपन कुमार, धर्शशाला