राकेश मल्ही/ऊना: हिमाचल सरकार द्वारा ऊना नगर परिषद को नगर निगम बनाए जाने की अधिसूचना जारी किए जाने के बाद इस पर अपनी आपत्तियां दर्ज करने के लिए पंचायत को समय दिया गया था. इन्हें एक लेटर भी जारी किया गया था, जिसके चलते अब नगर निगम ऊना में अन्य गांवों को शामिल किए जाने को लेकर रैंसरी पंचायत ने अपना विरोध जताया है.


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गांव के लोग एकजुट होकर आज डीसी ऑफिस ऊना पहुंचे, जहां उन्होंने नगर निगम ऊना में शामिल न किए जाने को लेकर अपना विरोध जताया और नारेबाजी कर अपना विरोध जाहिर किया. इसके साथ ही उन्होंने लिखित में अपनी आपत्ति डिप्टी कमिश्नर ऊना जतिनलाल को सौंप दी है. मीडिया से रूबरू होते हुए गांव के प्रतिनिधियों ने जानकारी देते हुए बताया कि रैंसरी गांव कृषि आधारित गांव है. यहां सबसे ज्यादा लोग खेती-बाड़ी कर अपना गुजारा कर रहे हैं.


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उन्होंने कहा नगर निगम में शामिल किए जाने के बाद अन्य टैक्सों की भरमार होगी. इसके साथ ही लोगों को अपने छोटे-मोटे कामकाज करवाने के लिए जिला मुख्यालय के लिए अधिक भाग दौड़ करनी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि उनके गांव में सभी मूलभूत सुविधाएं हैं. गांव की पंचायत द्वारा लगातार विकास करवाया जा रहा है. 


इसके साथ ही कहा, गांव में ज्यादातर लोग गरीब हैं. ऐसे में गांव के सभी लोग उनके गांव को नगर निगम ऊना में शामिल किए जाने का विरोध करते हैं. अगर सरकार द्वारा जबरन उनके गांव को नगर निगम ऊना में शामिल किया जाता है तो वह इसके लिए जो भी लड़ाई लड़नी पड़ेगी वह लड़ेंगे. इसके लिए चाहे उन्हें कोर्ट का रुख क्यों न करना पड़े वह इससे भी पीछे नहीं हटेंगे.


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वहीं गांव के प्रतिनिधियों ने रैंसरी गांव को नगर निगम ऊना में शामिल न किए जाने को लेकर डिप्टी कमिश्नर ऊना को अपनी लिखित रूप में आपत्ति पेश की है. डिप्टी कमिश्नर ऊना ने उनकी आपत्ति को स्वीकृत कर आगामी कार्रवाई के लिए सरकार को भेजे जाने की बात कही है.


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