Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में सिरमौर जिला में पैदा होने वाले अदरक का इस बार उत्पादकों को उचित दाम नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में किसान काफी परेशान हैं.
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ज्ञान प्रकाश/पांवटा साहिब: अपनी गुणवत्ता के लिए एशिया भर में मशहूर सिरमौर के अदरक का इस बार उचित दाम नहीं मिल रहा है, जिसकी वजह से उत्पादक काफी मायूस हैं. अदरक पर पहले मौसम की मार पड़ी और अब इसके उचित दाम नहीं मिलने से किसानों को काफी नुकसान हुआ है, जिस अदरक के पिछले सीजन में 120 से 150 प्रति किलो दाम मिल रहे थे. इस बार 40 से 60 रुपये प्रति किलो ही दाम मिल रहा है. ऐसे में किसान अदरक के समर्थन मूल्य और सरकारी खरीद की मांग कर रहे हैं.
स्वाद और गुणवत्ता के लिहाज से सिरमौर जिला में पैदा होने वाला अदरक पूरे देश में अलग पहचान रखता है. यही कारण है कि विदेशों में भी सिरमौर के अदरक की खासी मांग है. एशियाई देशों में सिरमौर का अदरक और सौंठ हाथों हाथ लिया जाता है, लेकिन इस बार मौसम की मार और कम दाम मिलने से उत्पादक परेशान हैं.
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औसत से कम बारिश होने की वजह से इस बार अदरक का उत्पादन कम हो गया है. दूसरी ओर उत्पाद के दाम भी कम मिल रहे हैं. पिछली बार 120 से 150 रुपये प्रति किलो बिकने वाले अदरक के इस बार सिर्फ 40 से 60 रुपये प्रति किलो दाम मिल रहे हैं, जिससे किसानों की अदरक उत्पादन में आई लागत भी पूरी नहीं हो पा रही है. फसल के उचित दाम नहीं मिलने से किसान मायूस और परेशान हैं.
बता दें, अदरक इस क्षेत्र के किसानों की मुख्य नगदी फसल है. यहां के किसानों की आर्थिकी अदरक, लहसुन और मटर जैसी कैश क्रॉप फसलों पर ही निर्भर रहती है. ऐसे में अदरक के उचित दाम नहीं मिलने से किसानों को परिवार के भरणपोषण की चिंता सता रही है. इस क्षेत्र के अदरक उत्पादक बीते काफी से अदरक के विपणन की सरकारी व्यवस्था और समर्थन मूल्य की मांग कर रहे हैं, लेकिन एशिया भर में मशहूर सिरमौर के अदरक की अपने ही प्रदेश में अनदेखी हो रही है. अदरक के सरकारी विपणन और समर्थन मूल्य के संबंध में अभी तक कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया है.
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