Hamirpur News: हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिला में सामने आए मम्प्स मामलों () के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने 50 स्कूलों में जाकर छात्रों के स्वास्थ्य की जांच की है. विभाग द्वारा गठित टीमों ने 11,834 छात्रों की जांच की. साथ ही शिक्षकों को भी हिदायत दी है कि संक्रमण के लक्षण पाए जाने पर छात्रों को 5 दिन स्कूल ना बुलाए.  यह जानकारी शनिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आरके अग्निहोत्री ने दी. 


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उन्होंने कहा कि वर्तमान में मम्प्स के 32 मामले हैं. जानकारी के लिए उन्होंने बताया कि यह एक संक्रामक रोग होता है. साथ ही वायरस के कारण फैलता है और इसकी अवधि 5 दिन होती है.  उन्होंने लोगों से भी आवाहन किया कि ऐसी स्थिति में बिना चिकित्सक के परामर्श के कोई दवाई ना लें. 


उन्होंने कहा कि यह संक्रामक रोग है तथा खांसने छींकने और हाथ मिलाने से एक दूसरे में फैल जाता है और अधिकतर पांच से लेकर 12 वर्ष आयु वर्ग के बच्चे इसकी चपेट में आते हैं, लेकिन किसी भी उम्र में यह हो सकता है.  उन्होंने कहा कि इसके मुख्य लक्षण बुखार होना, सर दर्द, गले में दर्द इत्यादि होता है.  जिसके चलते कान के निचले हिस्से में सूजन आ जाती है. 


उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की 14 टीमों का गठन किया गया है जो कि स्कूलों में आईईसी स्कैनिंग कर रही है. इस बीमारी से कोई भी मरीज गंभीर अवस्था में नहीं है.  उन्होंने कहा कि उपनिदेशक शिक्षा विभाग को भी इस संदर्भ में पत्र लिखा गया है कि अगर कोई बच्चा संक्रमण की चपेट में है तो उसे 5 दिन का अवकाश दिया जाए ताकि वह पूरी तरह से रिकवर हो सके और संक्रमण न फैले. 


उन्होंने कहा कि सभी बीएमओ को यह निर्देश दिए गए हैं कि स्कूलों में जाकर ही स्क्रीनिंग की जाए क्योंकि हर घर जाकर स्क्रीनिंग कर पाना संभव नहीं होता. उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाएं और 15 से लेकर 18 साल आयु वर्ग के लोग इस बात का विशेष ध्यान रखें की संक्रमण उनसे दूर ही रहे. 


रिपोर्ट- अरविंदर सिंह, हमीरपुर