Himachal Monsoon Update: मानसून की बारिश ने हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh Monsoon) कई जिलों मे आफत मचाई हुई है. उसी के मद्देनजर 14वीं वाहिनी एनडीआरएफ टीम (NDRF in Himachal) के जवान कई जगहों पर अपनी जान जोखिम में डालकर रेस्क्यू करके लोगों की जान बचाने का काम कर रहे हैं. 



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हाल ही में बारिश के चलते राज्य के जिला कल्लू, किन्नौर, मंडी, शिमला मे कई रेस्क्यू ऑपरेशन करके लोगों को बचाया है और बचा रहे हैं. इसी मद्देनजर नूरपूर मे स्थित 14 वीं वाहिनी एनडीआरएफ कमांडेंट बलजिन्दर सिंह ने हिमाचल प्रदेश में मानसून के चलते जो आपदाएं हुई है. उससे निपटने की तैयारियों और किए गए रेस्क्यू को लेकर बातचीत की. 


जिसमे उन्होंने हाल ही में एनडीआरएफ (National Disaster Response Force) द्वारा किए गए व किए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे बताया. 14 वीं वाहिनी एनडीआरएफ कमांडेंट बलजिन्दर सिंह ने कहा कि मानसून में आपदाएं हर साल आती है.  जिसको लेकर हमारी तैयारी पहले ही शुरू हो जाती है. पिछले साल के जो हमारे अनुभव थे उसको मद्देनजर रखते हुए जो हमने हमारी टीमें थी. उन्हें हिमाचल के अलग-अलग जगहों में बैठा दिया था.  ताकि हिमाचल का हर कोना हम आसानी से कवर कर सके. 


पिछले साल जो माउंट रेस्क्यू और फ्लड रेस्क्यू हुआ है. उसके लिए जो ट्रेनिंग करनी थी. उसकी हमने देश के जो अच्छे संस्थान थे वहां ट्रेनिंग करवाई. ताकि यह सभी आपदाओं के समय काम कर सके.  बिना उपकरण के कोई तैयारी नहीं होती है.  हमने काफी हद तक आपदाओं से निपटने के लिए उपकरण ले लिए हैं और कुछ ले रहे हैं क्योंकि यह वाहिनी यहां नई भी है पर जो उपकरण हमने लिए है. उससे आपदा के समय काफी मदद मिल रही है. 


पिछले समय से ब्यास वैली में बहुत बारिश हुई है. अचानक बहुत ज्यादा पानी जो ब्यास वैली ,कल्लू वैली, मंडी वैली में पहुंचा.  हमने वहां भी एक रेस्क्यू किया.  इसके साथ मंडी जिला में एक बहुत बड़ा रेस्क्यू किया.  जिसमें हमने लोगों को बचाया.  यह एक इतिहासिक रेस्क्यू है हमारा क्योंकि उफान आई नदी पार करके लोगों को बचाना बहुत ही मुश्किल काम था. लेकिन  हमारे जवानों ने साहस दिखा कर उन्हे बचाया है. 


इसके साथ ही अभी भी हमारा रेस्क्यू चला हुआ है. जिसमें तिब्बत बॉर्डर, पुलिस होमगार्ड हमारे साथ काम कर रहे है.  साथ ही हमारी सभी लोगों से अपील है कि वह प्रशासन तथा मौसम विभाग द्वारा दी जा रही चेतावनी को ध्यान में रखें.  यहां तक कि लोग खुद इकट्ठे होकर हर चीज पर नजर रखे.  जैसा कि पहले समय में भी जो नदी नालों के पास रहते थे. वह इस बारिश होने पर बारिश का पानी ज्यादा आने पर दूसरे लोगों को बता देते थे और लोग अपनी सुरक्षा समय रहते कर लेते थे.  आज तरह-तरह के ऐप चले हुए है उनको जरुर देखो और बिना काम के इस मानसून में पहाड़ों, नदी और नालों की तरफ ना जाए.