Himachal News: क्या है होटल वाइल्ड फ्लावर हॉल का पूरा विवाद? क्यों सरकार VS ओबेरॉय ग्रुप को लेकर हो रही सुनवाई!
Shimla News: होटल वाइल्ड फ्लावर हॉल को लेकर सरकार बनाम ओबेरॉय ग्रुप में सुनवाई आज होना है. ऐसे में इस खबर में जानिए पूरा मामला क्या है.
समीक्षा कुमारी/शिमला: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में विचाराधीन होटल वाइल्ड फ्लावर हॉल को लेकर प्रदेश सरकार बनाम ओबरॉय ग्रुप मामले में सुनवाई आज यानी 24 नवंबर को होगी. इससे पहले बीते शनिवार को कोर्ट के ऑर्डर के बाद प्रदेश सरकार के अधिकारियों ने होटल वाइल्ड फ्लावर हॉल को अपने कब्जे में लेने का प्रयास किया, लेकिन तब सरकार के एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर कोर्ट ने रोक लगा दी और सुनवाई के लिए 21 नवंबर की तारीख दी. जिसके बाद प्रदेश सरकार की ओर से अदालत में समय मांगा गया था और अगली सुनवाई के लिए 24 नवंबर की डेट मिली.
ओबरॉय ग्रुप के वकील राकेश्वर लाल सूद ने बताया की हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में 21 नवंबर को सुनवाई हुई. इसमें सरकार की ओर से दिल्ली से आए वकील ने अदालत में सरकार का पक्ष रखा. उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से इस मामले में अदालत से समय मांगा गया था. जिस पर हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने सुनवाई के लिए अगली तारीख 24 नवंबर की दी. वहीं सरकार की ओर से होटल को अधिकार में लेने के लिए की गई प्रयास को लेकर जारी किए गए ऑर्डर पर ओबरॉय पक्ष के वकील कुछ भी कहने से बचते हुए नजर आए. उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की ओर से वह आर्डर जारी गई किए गए थे. मामला अभी भी न्यायालय में विचार अधीन है. ऐसे में न्यायाधीश ही इस ऑर्डर में क्या था यह साफ कह सकते हैं.
मुख्यमंत्री के मीडिया प्रधान सलाहकार ने कहा कि वाइल्ड फ्लावर हॉल प्रदेश सरकार की संपदा है. इसे लूटने नहीं दिया जाएगा. 22 साल से इसका केस लड़ा जा रहा है. हमने कोर्ट में तथ्य रखें. जिसके बाद हमारे पक्ष में फैसला आया. उन्होंने कहा कि लीज पर दी गई 126 बीघा जमीन का प्रदेश को एक पैसा नहीं मिला है. यह हमारा अधिकार है.
क्या है होटल वाइल्ड फ्लावर हॉल का पूरा मामला
जानकारी के लिए बता दें, सरकार और ओबेरॉय ग्रुप के बीच एग्रीमेंट हुआ था लेकिन, पिछले 25-30 सालों से हिमाचल सरकार को रेवेन्यू-इक्विटी नहीं दी. इससे सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ. उन्होंने कहा कि ओबेरॉय ग्रुप में लगभग 120 करोड़ रुपए हिमाचल को देने थे, लेकिन नहीं दिए.
1993 में आग के बाद जलकर राख हुआ था वाइल्ड फ्लावर
वाइल्ड फ्लावर पहले HPTDC (Himachal Pradesh Tourism Development Corporation Marketing Office) के पास ही होता, मगर साल 1993 में भीषण आग लगने से यह जलकर राख हो गया. इस स्थान पर नया होटल बनाने के लिए राज्य सरकार ने ओबेरॉय ग्रुप की ईस्ट इंडिया होटल कंपनी के साथ करार किया. करार के अनुसार, कंपनी को चार साल के अंदर पांच सितारा होटल का निर्माण करना था. ऐसा न करने पर कंपनी को 2 करोड़ रुपए जुर्माना प्रतिवर्ष राज्य सरकार को अदा करना था.
वहीं, करार के 6 वर्ष बीत जाने के बाद भी कंपनी पूरी तरह होटल को उपयोग लायक नहीं बना पाई. साल 2002 में सरकार ने कंपनी के साथ किए गए करार को रद्द कर दिया. सरकार के इस निर्णय को कंपनी लॉ बोर्ड के समक्ष चुनौती दी गई. बोर्ड ने कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया था. ऐसे में सरकार ने इस निर्णय को हाईकोर्ट की एकल पीठ के समक्ष चुनौती दी.
हाईकोर्ट ने मामले को निपटारे के लिए मध्यस्थ के पास भेजा. मध्यस्थ ने कंपनी के साथ करार रद्द किए जाने के सरकार के फैसले को सही ठहराया था और सरकार को संपत्ति वापस लेने का हकदार ठहराया. इसके बाद एकल पीठ के निर्णय को कंपनी ने बैंच के समक्ष चुनौती दी थी.
बैंच ने कंपनी की अपील को खारिज करते हुए अपने निर्णय में कहा कि मध्यस्थ की ओर से दिया गया फैसला सही और तर्कसंगत है. कंपनी के पास यह अधिकार बिल्कुल नहीं कि करार में जो फायदे की शर्तें हैं, उन्हें मंजूर करे और जिससे नुकसान हो रहा हो उसे नजरअंदाज करें.
5 अप्रैल 1993 को बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण भीषण आग से लकड़ी से बना होटल जलकर राख हो गया था. इसके बाद सरकार ने ओबेरॉय ग्रुप के माध्यम से यहां होटल बनाया. बता दें, ब्रिटिश सेना के पूर्व कमांडर लॉर्ड किचनर का निवास वाइल्ड फ्लावर रहा. वाइल्ड फ्लावर हॉल 5 सितारा रिसॉर्ट है, जो एक भव्य आलीशान घर के माहौल का अनुभव कराता है. वाइल्ड फ्लावर हॉल प्रकृति में खुद को खोने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है.
1909 में, लॉर्ड किचनर ने इंग्लैंड लौटने के बाद, वाइल्ड फ्लावर हॉल को रॉबर्ट हॉट्ज़ और उनकी पत्नी को बेच दिया गया. 1925 में पुराने घर को ध्वस्त करने के बाद, होट्ज़ ने एक बढ़िया तीन मंजिला होटल बनवाया. आजादी के बाद होटल को भारत सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया. 1971 तक यह इंडियन टूरिज्म के अंडर रहा. 1973 में इसे HPTDC को दिया गया. जिसमें 1993 तक वाइल्ड फ्लावर हॉल होटल चलाया.