World Organ Donation Day 2023: दुनियाभर में हर साल 13 अगस्त को 'ऑर्गन डोनेशन डे' मनाया जाता है, जिस तरह रक्त दान करना अच्छा माना जाता है, ठीक उसी तरह ऑर्गन डोनेट करना भी एक सराहनीय कार्य होता है. कई बार मरीज को किसी का भी खून मिल जाने पर उसकी जान बच जाती है ठीक वैसे ही किसी व्यक्ति को ऑर्गन मिलने से उसकी जान बच सकती है.


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ऑर्गन न मिलने पर हर साल 5 लाख लोगों की हो जाती है मौत
नेशनल हेल्थ पोर्टल के मुताबिक, हर साल भारत में 5 लाख लोगों की मौत सिर्फ इसलिए हो जाती है क्योंकि उन्हें सही समय पर ऑर्गन नहीं मिल पाता है. इनमें 2 लाख लोग वो शामिल हैं जिनकी मौत लिवर न मिलने की वजह से होती है. इस आंकड़े को देखते हुए साफ समझ आता है कि ऑर्गन डोनेट करना कितना जरूरी है. 


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पहली बार कब हुआ ऑर्गेन ट्रांसप्लांट
बता दें, पहली बार 1954 में अमेरिका में सफलतापूर्वक ऑर्गन ट्रांसप्लांट हुआ था जो कि डॉक्टर जोसेफ मरे ने किया था. डॉक्टर जोसेफ मरे ने  फिजियोलॉजी और मेडिसिन में दो जुडवां भाईयों के बीच किडनी प्रत्यारोपण किया गया था, जिसके लिए उन्हें 1990 में नोबेल पुरस्कार भी मिला.


आमतौर पर देखा जाता है कि लोग बड़ी संख्या में रक्तदान करते हैं, लेकिन ऑर्गन डोनेट करने से पहले से कई बार सोचते हैं. अगर देखा जाए तो आज जितना जरूरी रक्त दान करना है उतना ही जरूरी ऑर्गन दान करना भी है, लेकिन लोगों में ऑर्गन डोनेशन को लेकर जागरूकता की कमी है. लोगों में इसी जागरूकता की कमी को देखते हुए कई गैर सरकारी संगठन इसे लेकर जागरूकता फैलाने का प्रयास भी कर रहे हैं.


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नेशनल हेल्थ पोर्टल मुताबिक, देशभर में प्रति मिलियन जनसंख्या पर 0.65 अंगदान होता है जो काफी कम है. वहीं, अमेरिका में 26 अंगदान होता है और स्पेन में 35 अंगदान किया जाता है. 


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