राजेश खत्री/ सोनीपत /गोहाना:  भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने बरोदा हलके के विभिन्न गांवों के दौरों की जनसभाओं में भूपेंद्र हुड्डा पर तंज कसते हुए कहा कि विकास भाजपा सरकार करावेगी, हुड्डा की सरकार नै तो वाणी सेवा करनी आवै है, विकास तो भाजपा की सरकार करती है। 


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ओमप्रकाश धनखड़ ने मदीना में ग्रामवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि हुड्डा का अस्तित्व तो कांग्रेस में भी खत्म हो गया है अब खुद ही देख लो,भूपेंद्र हुड्डा को कांग्रेस में कौन पूछता है। किसी भी कांग्रेस की लिस्ट मैं भूपेंद्र हुड्डा का नाम नहीं है।हुड्डा तो केवल वाणी सेवा कर रहा है। 


धनखड़ ने कहा कि खिलाड़ी तो पूरे देश का होता है, हमें उनका सम्मान करना चाहिए ना कि उनके बारे में अनाप-शनाप कुछ बोलना चाहिए। मैं आपसे अपील करने आया हूं कि बरोदा हलके से उम्मीदवार खिलाड़ी योगेश्वर दत्त को भारी मतों से जीता कर विधानसभा में भेजें। हमारी सरकार खिलाड़ियों के बारे में बहुत सोचती है। खिलाड़ी देश का गौरव होते हैं हमने सचिन तेंदुलकर को राज्यसभा में भेजा। अब बारी आपकी है,आप भी योगेश्वर दत्त को विधानसभा में भेजो। 


उन्होंने कहा कि किसानों को पीछे रखना कांग्रेस की फितरत है। कांग्रेस कभी नहीं चाहती कि देश का किसान भी खुशहाल हो समृद्ध हो। प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि देश के किसान को यह समझना होगा कि आज कौन उसके हितों को सुरक्षित कर रहा है। धनखड़ ने कहा कि नए विधेयक कृषि क्षेत्र में केंद्र सरकार का क्रांतिकारी कदम है।


 देश के किसान के लिए उत्पाद बेचने को अन्य विकल्पों का प्रावधान किया है,जो वास्तव में किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने का काम करेगा। बरोदा गांव में पहुँचे धनखड़ ने कहा कि पूर्व की सरकारों ने किसानों की आंखों में केवल धूल झोंकने का काम किया है और किसानों को बरगलाकर उनके वोट हासिल किए हैं,जबकि किसानों की वास्तविक हितैषी भाजपा सरकार है।


प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि किसान बिल पर ये जनता को बरगलाने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में कृषि संबंधी अधिनियमों में बदलाव का वादा किया गया था। मगर हैरानी की बात है कि अब जब हम इन अधिनियमों में सुधार कर रहे तो कांग्रेसियों को दिक्कत क्यों हो रही है। इन अध्यादेशों से किसानों के लिए एक दूसरी राह खुली है न कि पहली राह बंद हुई है। 


दिक्कत तो तब होती जब पहली राह बंद होती। पहली राह में किसान चाहे तो अपना अनाज मंडियों में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचे और दूसरी राह में चाहे तो किसान अपना अनाज मंडियों से बाहर न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी अधिक दाम पर प्राइवेट ट्रेडर्स को बेचे। उसमें उसे मार्केट फीस भी नहीं देनी होगी और न ही कोई अन्य कर देना होगा। अब कांग्रेस और कुछ कथित किसान नेता बताएं,कैसे यह बदलाव किसान विरोधी हो सकता है। जब किसानों के लिए दोनों रास्ते खुले हैं। किस रास्ते पर चलना है यह किसान की मर्जी,उस पर कोई दबाव नहीं।


किसानों की वास्तविक हितैषी भाजपा सरकार 
ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि तीनों अध्यादेशों से प्रदेश का किसान और अधिक खुशहाल व उन्नत होगा। किसान अपनी मर्जी से अपनी फसल बेच सकेगा। किसान पर किसी प्रकार की कोई पाबंदी नहीं होगी। अध्यादेशों में किसानों को अपनी फसल बिक्री के लिए छूट दी गई है और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) खत्म नहीं होगा व अनुबंध खेती में ई- रजिस्ट्री में सारा लेखा-जोखा होगा। इसके अलावा किसानों को नवीनतम खेती की जानकारी मिल सकेगी।


देश के किसानों के लिए उत्पाद बेचने को अन्य विकल्पों का प्रावधान किया है,जो वास्तव में किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने का काम करेगा। पूंजीपति किसान का शोषण करता था,इन विधेयकों से किसानों को उस शोषण से मुक्ति मिलेगी। विधेयक लागू होने के बाद किसान की किस्मत बदलने वाली है। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों ने किसानों की आंखों में केवल धूल झोंकने का काम किया है और किसानों को बहला फुसलाकर उनके वोट हासिल किए हैं,जबकि किसानों की वास्तविक हितैषी भाजपा सरकार है।


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