चंडीगढ़ : हरियाणा में पेपर लीक की घटनाओं से सबक लेते हुए सरकार ने इससे निपटने की तैयारी कर ली है. प्रदेश सरकार नकल रोकने के लिए सख्त कानून बनाएगी. इसके लिए बिल का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है. सोमवार को सदन में इसे पेश किया जाएगा. 


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शुक्रवार को विधानसभा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता की अध्यक्षता में हुई बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में सत्र की अवधि तीन दिन के लिए तय की गई. बैठक के बाद उन्होंने बताया कि सरकार नकल विरोधी बिल इसी सत्र में पेश करेगी. 


सात साल की सजा 


नकल रोकने के लिए सरकार ने जो विधेयक तैयार किया है, उसमें कम से कम सात साल की सजा और एक लाख रुपये  जुर्माने का प्रावधान किया गया है. नकल में शामिल परीक्षार्थियों पर कम से कम 2000 रुपये जुर्माने और उनकी प्रॉपर्टी अटैच करने का प्रावधान है. इसके अलावा नकल करते हुए पकड़े जाने पर आरोपी को भविष्य में कोई सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी.


सरकारी कर्मचारी किए जाएंगे बर्खास्त 


विधेयक के ड्राफ्ट में नकल के षड्यंत्र में शामिल आयोग, प्रतिभागी, प्रशासन के अधिकारी, परीक्षा केंद्र से संबंधित स्टाफ, पेपर सेंटर, प्रिंटिंग प्रेस व ट्रांसपोर्टर के खिलाफ भी कार्रवाई की बात कही गई है.


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इसके अलावा अगर सरकारी कर्मचारी या अधिकारी पेपर लीक मामले में पकड़े जाते हैं तो उन्हें नौकरी से बर्खास्त किया जाएगा. 


दैनिक ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक स्पीकर ने कहा कि पेपर लीक मामले में विपक्ष का काम रोको प्रस्ताव आया है. इसे ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में बदला गया है. इस पर सदन की कार्यवाही के दौरान चर्चा करवाई जाएगी.