Vaishakh Amavasya 2024: वैशाख अमावस्‍या तिथि को लेकर है उलझन? जान लें सही तारीख और पूजा का सही मुहूर्त
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Vaishakh Amavasya 2024: वैशाख अमावस्‍या तिथि को लेकर है उलझन? जान लें सही तारीख और पूजा का सही मुहूर्त

Amavasya May 2024: वैशाख महीने की अमावस्‍या बहुत खास होती है. मई महीने में अमावस्‍या 2 दिन पड़ने से उलझन की स्थिति है. आइए जानते हैं वैशाख अमावस्‍या का व्रत कब रखा जाएगा और पूजा का मुहूर्त क्‍या है. 

Vaishakh Amavasya 2024: वैशाख अमावस्‍या तिथि को लेकर है उलझन? जान लें सही तारीख और पूजा का सही मुहूर्त

Amavasya kab hai: वैशाख महीना भगवान विष्‍णु को समर्पित है. वैशाख महीने की अमावस्‍या का भी बड़ा महत्‍व है. अमावस्‍या के दिन गंगा नदी में या किसी पवित्र नदी में स्‍नान करने से कई वर्षों की तपस्‍या करने जितना फल मिलता है. इस साल वैशाख अमावस्‍या कब है इसको लेकर असमंजस की स्थिति है. ऐसे में वैशाख अमावस्‍या पर स्‍नान-दान, पूजा मुहूर्त, पितृ पूजन कब है, जानते हैं. 

वैशाख अमावस्‍या 2024

पंचांग के अनुसार वैशाख मास की अमावस्या तिथि की शुरुआत 07 मई 2024 को सुबह 11:41 से शुरू होगी, जो अगले दिन 08 मई 2024 को सुबह 08:51 पर समाप्त होगी. इस तरह वैशाख अमावस्या 2 दिन रहेगी. चूंकि वैशाख अमावस्‍या की सुबह स्‍नान-दान किया जाता है. साथ ही अमावस्‍या के दिन व्रत रखा जाता है, पूजा की जाती है. इस बार अधिकांश जगह 8 मई को वैशाख अमावस्‍या मानी जाएगी. अमावस्‍या पर पिंडदान, पितृ पूजा, स्‍नान, दान आदि के लिए कब मुहूर्त है आइए जानते है. 

7 मई 2024 - हिंदू धर्म में पितरों की पूजा दोपहर 12 बजे की जाती है. इसलिए वैशाख अमावस्‍या पर श्राद्ध कर्म के लिए 7 मई का दिन अच्छा रहेगा. वैशाख अमावस्या पर सुबह 11 बजे के बाद श्राद्ध, पितृ पूजा किया जा सकेगा. 

8 मई 2024 - अमावस्या पर पवित्र नदी में स्नान ब्रह्म मुहूर्त में किया जाता है लिहाजा वैशाख अमावस्या पर सूर्योदय 8 मई को हो रहा है. लिहाजा अमावस्‍या का स्नान-दान 8 मई को किया जाएगा. 

वैशाख अमावस्या का महत्व 

अमावस्‍या के दिन व्रत करने से मोक्ष मिलता है, पितरों को शांति मिलती है. पितर प्रसन्‍न होते हैं. पितरों के आशीर्वाद से जीवन में तरक्‍की मिलती है. आर्थिक स्थिति बेहतर होती है. लिहाजा अमावस्‍या के दिन व्रत, स्‍नान-दान, तर्पण, पूजा जरूर करें. साथ ही पीपल के पेड़ में जल अर्पित करें. मान्‍यता है कि पीपल को अर्पित किया गया जल देवों और पितरों को ही अर्पित होता है. पीपल के पेड़ में त्रिदेव और मां लक्ष्‍मी का वास माना गया है. साथ ही मंदिर या सार्वजनिक स्‍थान पर पीपल का पेड़ अमावस्‍या के दिन लगाना बहुत शुभ होता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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