MSP से जुड़े ऐलान के बाद मूंग की हुई जबरदस्त फसल, अब इस वजह से किसान परेशान
पंजाब सरकार ने किसानों से मूंग की फसल 7 हजार 275 रुपये प्रति क्विंटल के MSP पर खरीदने का ऐलान किया था, जिसके बाद मानसा जिले में किसानों ने पंजाब में सबसे ज्यादा 25 हजार एकड़ जमीन पर मूंग की फसल की बिजाई कर ली थी, लेकिन अब मूंग की फसल मंडियों में लेकर आ रहे किसान परेशान हो रहे हैं.
विनोद गोयल/मानसा: पंजाब सरकार के MSP से जुड़े एक ऐलान के बाद मानसा के किसानों ने करीब 25 हजार एकड़ जमीन पर मूंग की फसल उगा दी, लेकिन फसल तैयार होने के बाद अब उनके सामने एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है. किसानों ने की शिकायत है कि अब उन्हें अपनी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) नहीं मिल रहा है.
किसानों को नहीं मिल रही MSP
दरअसल, पंजाब सरकार ने किसानों से मूंग की फसल 7 हजार 275 रुपये प्रति क्विंटल के MSP पर खरीदने का ऐलान किया था, जिसके बाद मानसा जिले में किसानों ने पंजाब में सबसे ज्यादा 25 हजार एकड़ जमीन पर मूंग की फसल की बिजाई कर ली थी, लेकिन अब मूंग की फसल मंडियों में लेकर आ रहे किसान परेशान हो रहे हैं, क्योंकि मंडी में किसानों को मूंग की फसल का MSP रेट नहीं मिल रहा है. जबकि प्राइवेट व्यापारियों की ओर से अपनी मर्जी से मूंग की फसल की खरीद की जा रही है. मानसा जिले की मंडियों में अब तक खरीदी गई 722 क्विंटल मूंग की फसल खरीदी गई है, जिसमें से प्राइवेट खरीदारों ने 635 क्विंटल और सरकारी खरीद एजेंसी मार्कफेड ने सिर्फ 87 क्विंटल मूंग की खरीद की है.
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किसानों ने सरकार पर लगाए आरोप
मानसा की अनाज मंडी में मूंग की फसल लेकर आए किसान रूप सिंह, गगनदीप सिंह और गुरजीत सिंह ने बताया कि मंडियों में किसानों को अपनी फसल काफी परेशानी आ रही है, क्योंकि पहले सरकार ने किसानों को एमएसपी पर मूंग की खरीद करने की बात कही थी, लेकिन अब हमारी सुनवाई नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से मूंग की सरकारी खरीद पर शर्तें लगाने के कारण किसान अपनी फसल प्राइवेट खरीददारों को बेचने के लिए तैयार है. सरकार ने पहले मूंग की खरीद पर कोई भी पाबंदी नहीं लगाई थी, क्योंकि उस समय सरकार को वोट हासिल करने थे और अब सरकार अपने वादे से मुकर गई है.
इस वजह से नहीं खरीदी जा रही फसल
खरीद एजेंसी मार्कफेड की ओर से मूंग की खरीद के लिए मानसा मंडी में तैनात किए सहायक फील्ड ऑफिसर कुलजीत पाल सिंह ने बताया कि किसान मंडियों में मूंग की गीली फसल लेकर आ रहे हैं जो सरकारी मापदंडों पर खरी नहीं उतर रही है. मूंग की फसल में नमी की मात्रा 12 फीसदी होनी चाहिए और साथ ही क्वालिटी भी सरकारी मापदंड अनुसार ही होनी चाहिए. ज्यादातर किसानों के पास जमीन की गिरदावरी न होने के कारण मूंग की सरकारी खरीद नहीं हो रही है.
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जिला मंडी अफसर ने किसानों से की यह अपील
जिला मंडी अफसर रजनीश गोयल ने बताया कि मानसा जिले की अनाज मंडियों में अब तक 740 क्विंटल मूंग की फसल की आमद हुई है, जिसमें से 722 क्विंटल मूंग की खरीद हो चुकी है, जिसमें से 87 क्विंटल मूंग की खरीद सरकारी खरीद एजेंसी मार्कफेड और 635 क्विंटल मूंग की खरीद प्राइवेट खरीदारों द्वारा की गई है. उन्होंने किसानों से अपील की है कि सभी किसान अपनी मूंग की फसल को सुखाकर और सरकारी मापदंड अनुसार ही मंडी में लेकर आएं ताकि उनको मूंग की फसल बेचने में कोई परेशानी न आए.
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