अमित भारद्वाज/चंड़ीगढ़: 18 मार्च को अमृतपाल के खिलाफ हुई करवाई से नाखुश खालिस्तानियों ने 23 मार्च को अमृतपाल सिंह पर कार्रवाई के विरोध में कनाडा स्थित ओटावा में भारतीय उच्चायोग पर प्रदर्शन की आड़ में हमला किया था. एजेंसी सूत्रों के मुताबिक हमले की अगुवाई अमृतपाल सिंह का करीबी रिश्तेदार अमरजोत सिंह कर रहा था.


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कौन है हमले का मुख्य आरोपी?
बता दें, इस मामले की जांच एनआईए कर रही है. एनआईए ने इस मामले में खालिस्तानी व 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल सिंह के रिश्तेदार अमरजोत सिंह और कई अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. हमले के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अमरजोत को घटना का मुख्य आरोपी बनाया है.


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NIA कर रही पाकिस्तान बेस्ड आतंकवादियों से जुड़े एंगल की जांच 
आरोपियों पर लोगों को उकसाने, दंगा करवाने की कोशिश, साजिश रचने, जबरदस्ती घर में घुसने के साथ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम (यूएपीए) की धाराएं भी लगाई हैं. सूत्रों से मिले इनपुट के आधार पर एनआईए अब इस मामले में पाकिस्तान बेस्ड आतंकवादियों से जुड़े एंगल की भी जांच कर रही है. एजेंसी सूत्रों के मुताबिक, जब अमृतपाल को पकड़ने की कोशिश की जा रही थी उसी दौरान इस पूरे खेल की प्लानिंग की गई और पाकिस्तान में बैठे आतंकियों से मदद ली गई.


उच्चायोग की इमारत के अंदर फेंके गए थे दो ग्रेनेड 
बता दें, हमले के दौरान उच्चायोग की इमारत के अंदर दो ग्रेनेड फेंके गए थे. अधिकारियों के मुताबिक इससे पहले 19 मार्च को सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला कर उसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई थी. इस मामले में वहां की संघीय एजेंसी ने दूतावास पर नुकसान पहुंचाने के लिए बाबा सरवन सिंह सहित आठ खालिस्तान समर्थकों की भी पहचान की है. सूत्रों के मुताबिक, इसे लेकर एजेंसी के हाथ कुछ अहम सबूत भी लगे हैं.


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बता दें, एनआईए की टीम पिछले महीने लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हुए हमले के मामले में सबूत जुटाने के लिए लंदन का दौरा करके आई है. इसके बाद 45 संदिग्धों की सूची भी तैयार की गई है. सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही टीमें अमेरिका और कनाडा का दौरा करने जा सकती हैं. बीते कुछ समय में हुई आतंकी घटनाओं में शामिल लोगों के अमृतपाल से संपर्क होने की जांच भी चल रही है.


सूत्रों की मानें, तो भारत के खिलाफ विदेशों में हुए विरोध प्रदर्शनों के नेतृत्व में कुछ दिन पहले कनाडा में मारे गए आतंकी हरदीप सिंह निज्जर और लंदन में मरे अवतार सिंह खंडा शामिल भी हुए थे. इन लोगों को खालिस्तानी नेताओं के रूप में पेश किया जा रहा था. एजेंसी इसकी जांच कर रही है क्या ये दोनों मृतक किसी भी तरह विरोध प्रदर्शनों के समय अमृतपाल सिंह के संपर्क में थे. 


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