Punjab News: कॉल नंबर 108, जिसे आपात स्थिति के दौरान डायल किया जाता है. इस नंबर पर हर दिन कई अवांछित कॉल आते हैं. ऐसे में नागरिकों को आपात स्थिति में समय पर सुविधा मिलने में भी काफी परेशानी होती है. 108 एम्बुलेंस सेवा जो आपातकाल स्थिति में लोगों को सेवा प्रदान करने के लिए होती हैं, उन्हें अक्सर गलत जानकारी देकर या फेक कॉल करके ऐसी जगहों पर बुलाया जाता है, जहां इलाज के लिए कोई जरूरत ही नहीं है. इस तरह की कॉल्स न केवल समय बर्बाद करती हैं, बल्कि कई बार आपात परिस्थिति में उपचार में बाधा भी बनती हैं, जिसकी वजह से लोगों को कई बार जानी नुकसान भी उठाना पड़ता है.


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जारी की गई इस रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी में 6795, फरवरी में 6748, मार्च में 7892 और अप्रैल में 7881 कॉल रिसीव की गई हैं. इस तरह की फेक कॉल उन लोगों की आपातकालीन सहायता को प्रभावित करते हैं जिन्हें चिकित्सा देखभाल की सख्त आवश्यकता होती है. ऐसे फर्जी कॉल्स के कारण कई बार जरूरतमंद लोगों के कॉल हेल्पलाइन तक नहीं पहुंच पाते हैं.


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इन गैर जरूरी कॉल्स में अधिकतर रिचार्ज करने, घरेलू उपकरण और किराने का सामान लाने के लिए और कई बार अपमानजनक और संवेदनशील शब्दों का उपयोग किया जाता है. ऐसे कॉल्स करते समय महिला कर्मचारियों को भी नहीं बख्शा जाता है. कई बार लोग कॉल करके एम्बुलेंस बुक कर लेते हैं और फिर कुछ समय बाद कैंसिल भी कर देते हैं, जिससे आपात स्थिति में आम लोगों तक सेवा सुचारू रूप से पहुंचाने में दिक्कत आती है.


प्रोजेक्ट हेड मनीष बत्रा ने कहा कि 108 एम्बुलेंस जरूरत के समय में लोगों की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध है. हालांकि कई बार कुछ लोग बार-बार अनवॉन्टेड कॉल्स करके आपातकालीन सेवाओं को प्रभावित करते हैं, जिससे उन लोगों को परेशानी होती है जिन्हें वास्तव में आपातकालीन सेवाओं की आवश्यकता होती है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसी फर्जी कॉल्स को हटा दिया जाता है और वास्तविक शेष कॉल को सुना जाता है तो कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं. 


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उन्होंने लोगों से अनुरोध करते हुए कहा कि वे आपातकालीन सेवाओं का दुरुपयोग करने से बचें और जरूरत पड़ने पर ही 108 डायल करें. इसके साथ ही कहा कि देश के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते, हमें एंबुलेंस को रास्ता देना चाहिए. मेडिकल इमरजेंसी में हर सेकेंड मायने रखता है. इसका मतलब जीवन और मौत के बीच का अंतर हो सकता है.  


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