कुलदीप धालीवाल/मानसा: पंजाब के किसान लगातार धान के नाड जला रहे हैं. मानसा में बीकेयू डकोंदा की अगुवाई में आज किसानों ने धान के नाड को जलाते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. इस दौरान किसानों ने कहा कि वातावरण को प्रदूषित करने में सिर्फ किसान ही जिम्मेदार नहीं हैं, बल्कि सरकार भी इसके लिए जिम्मेदार है, क्योंकि बीते काफी समय से किसान सरकार से धान के नाड के हल के लिए लगातार गुहार लगा रहे हैं.  


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उन्होंने कहा कि किसानों को सरकार द्वारा पराली पर 200 रुपये प्रति क्विंटल मुआवजा दिया जाना चाहिए, ताकि किसान अपने स्तर पर इसका कोई हल निकाल सकें. साथ ही कहा कि छोटे किसानों को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि उनके पास ना तो मशीनरी है और ना ही सरकार की तरफ से कोई मुआवजा दिया जा रहा है, जिसकी वजह से वे परेशान होकर धान के नाड को आग लगाने के लिए मजबूर हो रहे हैं.  


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किसानों ने कहा कि वातावरण को सिर्फ किसान ही प्रदूषित नहीं कर रहे हैं. कई कॉर्पोरेट घरानों की वजह से भी वातावरण प्रदूषित हो रहा है. सरकार भी इन कॉर्पोरेट घरानों को फायदा पहुंचा रही है. उन्होंने कहा कि शराब, तंबाकू और सिगरेट सेहत के लिए हानिकारक है. यह लोगों को बुरी तरह नुकसान पहुंचा रही है. इसके बावजूद सरकार इस पर रोक क्यों नहीं लग रही, बल्कि किसानों पर कई तरह की शर्तें लगाकर किसानों को ही कर्जदार किया जा रहा है. 


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उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा देने का ऐलान करे, अन्यथा ने इसी तरह धान के नाड को जलाते रहेंगे. उन्होंने कहा कि किसी भी किसान पर सरकार और प्रशासन की ओर से कार्रवाई नहीं होने दी जाएगी. अगर किसी किसान पर कोई कार्रवाई होगी तो सरकार और प्रशासन के खिलाफ बीकेयू डकोदा जत्थेबंदी संघर्ष करने के लिए मजबूर होगी. 


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