Pathankot Shiv Mandir: पठानकोट का प्राचीन मुक्तेश्वर धाम मंदिर द्वापर युग के समय का मंदिर है और यह 5500 साल पुराना है. इस मंदिर को पांडवों द्वारा अपने अज्ञातवास के समय दौरान बनाया गया था. 


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सावन के महीने में इस प्राचीन शिव मंदिर में पूजा अर्चना करने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. बैराज डैम की झील में यह मंदिर ना समाय इसके लिए मंदिर संघर्ष कमेटी द्वारा एक लंबा संघर्ष किया गया, जिसके बाद मंदिर के आगे एक दीवार का निर्माण करवाया गया जिसमें सरकार द्वारा तकरीबन 10 करोड़ रुपए खर्च किये गए.


सावन का महीना चल रहा है और पठानकोट के प्राचीन मुक्तेश्वर धाम महादेव मंदिर में भक्तों का सैलाब नजर आ रहा है. इस महीने में लाखों की तादाद में श्रद्धालु शिव मंदिर के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. शिव मंदिर के पुजारी से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि यह प्राचीन मुक्तेश्वर धाम महादेव मंदिर द्वापर युग के समय का मंदिर है और सावन के महीने में लाखों की संख्या में लोग यहां नतमस्तक होने के लिए पहुंचते हैं. 


यह मंदिर पांडवों द्वारा अपने अज्ञातवास के समय में बनाया गया था. इस प्राचीन मंदिर में पांडवों द्वारा बनाई गई गुफाएं भी मौजूद हैं. इस प्राचीन मंदिर को बैराज डैम की झील में समाने से बचाने के लिए मंदिर संघर्ष कमेटी द्वारा कई सालों तक बड़ा संघर्ष किया गया जिसके बाद सरकार द्वारा मंदिर और नदी के बीच में एक दीवार का निर्माण करवाया गया, जिसमें लगभग 10 करोड़ रुपए की लागत आई.


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अब बैराज डैम की झील में जब पानी भरेगा तो मंदिर पर इसका कोई भी असर नहीं होगा. मंदिर परिसर में पहुंच रहे श्रद्धालुओं का कहना है कि सावन के महीने में लाखों की संख्या में यहां लोग दूर दराज से नतमस्तक होने के लिए आते हैं और सरकार द्वारा इस मंदिर को बचाने के लिए जो दीवार का निर्माण करवाया गया है वह सराहनीय है. 


रिपोर्ट- अजय महाजन, पठानकोट