Shri Hemkunt Sahib: जानिए सिखों के प्रमुख तीर्थ श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा का इतिहास!
Shri Hemkunt Sahib`s name history and story in Hindi: श्री हेमकुंड साहिब यात्रा 2023 (Shri Hemkunt Sahib Yatra 2023) की शुरुआत 20 मई से होने जा रही है जिसके लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना हो चुका है.
Shri Hemkunt Sahib's name history and story in Hindi: श्री हेमकुंड साहिब सिखों के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है और हर साल यहां के लिए यात्रा का आयोजन किया जाता है. इस साल भी श्री हेमकुंड साहिब यात्रा 2023 (Shri Hemkunt Sahib Yatra 2023) की शुरुआत 20 मई से होने जा रही है जिसके लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना हो चुका है. ऐसे में आइए जानते हैं श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा का इतिहास और क्या है इसकी मान्यता?
Shri Hemkunt Sahib's name history in Hindi: श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा के नाम का इतिहास!
बता दें कि श्री हेमकुंड साहिब 10वें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की तपस्थली के नाम से भी जाना जाता है और इसे सिखों की सबसे कठिन तीर्थ यात्रा भी माना जाता है. तकरीबन 15,200 फ़ीट ऊंचे ग्लेशियर पर स्थित श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा चारों तरफ से ग्लेशियर से घिरा हुआ है. इन्हीं ग्लेशियर का बर्फीला पानी जिस जलकुंड का निर्माण करता है, उसे हेमकुंड कहा जाता है. आसान भाषा में इस पवित्र स्थल को बर्फ का कुंड भी कहा जा सकता है.
Shri Hemkunt Sahib's story in Hindi: श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा की कहानी!
एक रिपोर्ट के मुताबिक ऐसी मान्यता है कि यहां 10वें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने बरसों तक महाकाल की आराधना की थी और यही कारण है कि सिख समुदाय की इस तीर्थ में बहुत श्रद्धा है. ऐसे में श्रद्धालु हर साल दिक्क्तों का सामना करते हुए यहां पहुंचते हैं और श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा में गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.
Shri Hemkunt Sahib's history in Hindi: गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब का इतिहास!
हिमालय में स्थित श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा सिखों के लिए पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है और ऐसी मान्यता है कि यहां श्री गुरु गोबिंद सिंह ने अपने पिछले जीवन में ध्यान साधना की थी और वर्तमान जीवन हासिल किया था.
स्थानीय निवासियों द्वारा गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब को पवित्र, विस्मय और श्रद्धा का स्थान कहा जाता है और यहां पर स्थित झील और आसपास के क्षेत्र को "लोकपाल" के नाम से भी जाना जाता है. लोकपाल का अर्थ है 'लोगों का निर्वाहक'.
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