Barnala News: ऑल इंडिया अंतरराष्ट्रीय फेस्टिवल हर साल की तरह इस साल भी दो दिवसीय 46वं नॉट मेला का बरनाला में आगाज हुआ. इस मेले का मुख्य मकसद देश एवं राज्यों के कलचर, संस्कृति, संस्कार, सभ्याचार को बरकरार रखना. नौजवान पीढ़ी को साहित्य, थिएटर, कला और रंग-मंच से जोड़े रखना है, 


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देश के अलग-अलग राज्य पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल, झारखंड, उत्तर प्रदेश दिल्ली, नेशनल, इंटरनेशनल के थिएटर कलाकार द्वारा पेश नाटक, डांस, ग्रुप डांस परफॉर्मेंस, गिद्दा-भांगड़ा देश के सभ्याचार, कलचर, संस्कृति एक मंच पर देखने को मिली. तकरीबन 300 आर्टिस्ट इस मेले में भाग लेने के लिए बरनाला पहुंचे हुए थे. 


मेला आयोजकों ने बताया पंजाब के (CM) मुख्यमंत्री भगवतं सिंह मान भी अपने फिल्म लाइन एक्टिंग दौर के टाइम में इस नॉट मेला में नाटकों द्वारा अपनी कला के जौहर कई बार दिखा चुके हैं. देश के कोने-कोने से पहुंचे आर्टिस्ट ने इस मंच पर परफॉर्म करना अपना सौभाग्य बताया.


बरनाला के कला प्रेमियों ने पंजाब और देश के अन्य राज्यों की कला संस्कृति, संस्कारों को नृत्य और नाटकों के जरिए जिंदा रखा हुआ है. पिछले 46 सालों से लगातार बरनाला के कला प्रेमी थिएटर कलाकारों द्वारा नॉट-मेला आयोजित करवाया जाता है. भले ही आज के बदलते मोबाइल युग ने सोशल मीडिया का प्रचार प्रसार बढ़ा दिया है, लेकिन आज भी बरनाला को कला, साहित्य और साहित्यकारों का मक्का कहा जाता है और पंजाब के मशहूर साहित्यकार, एक्टर, आर्टिस्ट आज पालीवुड-बॉलीवुड में अपनी जगह बनाए हैं. 


बरनाला के कला रंगमंच प्रेमियों ने इसी कला रंगमंच और थिएटर को संजो कर रखा है और पिछले 46 सालों से हर साल श्री शक्ति कला मंदिर के मंच पर इस नॉट मेले का आयोजन कराया जाता है.  मेला इंचार्ज अनिल दत्त शर्मा ने बताया कि 40 सालों से इस रंगमंच कला मंच को संजो कर बड़े-बड़े आर्टिस्ट नेशनल इंटरनेशनल फिल्मों में आज अपनी पहचान बनाए हैं. 


उन्ही मे आज पंजाब के मुख्यमंत्री भगवान सिंह मान भी अपने दौर में जुड़े हुए थे. प्रबंधको ने पंजाब के मुख्यमंत्री से मांग की कि वह इस कलचर रंगमंच को जिंदा रखने के लिए कुछ पहल करें. इस थिएटर रंगमंच को अच्छे से बनाया जाए. ताकि इस तरह के मेलों को बरकरार रखा जा सके. 


मौके पर पहुंचे अन्य राज्यों से आर्टिस्ट ने भी इस मंच पर परफॉर्म कर गर्व महसूस करते कहा कि वह भाग्यशाली है कि उन्हें इस नॉट-मेला के मंच पर परफॉर्म करने का मौका मिला और बरनाला के कला प्रेमियों ने पंजाब और देश के अन्य राज्यों की कला संस्कृति संस्कारों को नृत्य और नाटकों के जरिए जिंदा रखा हुआ है. 


रिपोर्ट- देवेंद्र वर्मा, बरनाला