Chaitra Navaratri Day 1: चैत्र नवरात्री का पहला दिन आज, जानें कैसे करें कलश स्थापना और शुभ मुहूर्त
Chaitra Navaratri Shubh Mhurat: 51 शक्तिपीठो में से एक मां हरसिद्धि के धाम में सुबह से भक्त मां के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. इस खबर में जानिए कैसे आप कलश स्थापना कर सकते हैं.
Ujjain News: हिन्दू नव वर्ष जिसे विक्रम संवत अनुसार 2081 वां वर्ष गुड़ी पड़वा पर्व कहा गया है. आज से चैत्र माह की शुरुआत भी हो चुकी है. आज मंगलवार पहला दिन है. आज नवरात्र का घट स्थापना का दिन है. चैत्र माह में नवरात्र के पहले दिन 51 शक्तिपीठों में से एक मां हरसिद्धि के धाम में सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का तांता माता के दर्शन-लाभ लेने के लिए लगने लगा हुआ है.
भक्त दूर राज्य व देशों से अवंतिका नगरी उज्जैनी पहुंच रहे हैं. हालांकि मां हरसिद्धि के धाम में ही नहीं चौबीस खंबा स्तिथ देवी महामाया, देवी महालया, भूखी माता मंदिर, गढ़कालिका माता मंदिर व शहर के तमाम प्राचीन देवी स्थलों पर भक्तों का तांता लगा हुआ है.
दरअसल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 9 अप्रैल से नवरात्र का आरंभ हो चुका है. प्रतिपदा से कहा जाता है श्रष्टि का आरंभ हुआ है. इस नवरात्र को वासंती नवरात्र से भी जाना जाता है. वहीं 9 दिन पुष्पों से माता को प्रसन्न किया जा सकता है. श्रीमद् देवी भागवत महापुराण के अनुसार, आदि शक्ति को प्रसन्न करने के लिए सेवंती, मोगरा, रक्त कनेर, सूर्यमुखी, कमल आदि के पुष्प चढ़ाए जााते हैं. इसके अलावा पारिवारिक कुल परंपरा के अनुसार माता की उपासना की जा सकती है. 9 दिन में अलग-अलग प्रकार से माता की पूजन की जाती है.
कैसे करें कलश स्थापना
पं.अमर डिब्बेवाला के अनुसार, शुभ-लाभ अमृत के चौघडिये में पूर्व दिशा के ईशान कोण में पृथ्वी पर जल या गंगा जल से लेपन करें. इसके बाद स्वास्तिक बनाएं. अक्षत के दाने अर्पित करें और ताम्र कलश में जल भरकर वैदिक मंत्र के माध्यम से कलश का पूजन करें.
तत्पश्चात हल्दी, कुमकुम, अबीर, गुलाल, अक्षत के दाने, पुंगी फल, लौंग, इलायची, स्वर्ण, चांदी या पीतल का सिक्का इसमें डालें. चार दिशाओं के चार पान के पत्ते या पंच पल्लव से उसे परिपूरित करें. उसके ऊपर पानी वाला नारियल रखें. कलश के कंठ में लाल नारे को बांधे. साथ ही माता का मंत्र पढ़ कर कलश को स्वास्तिक पर स्थापित करें. दिशा और कोण कुल परंपरा, वंश परंपरा या गोत्र परंपरा के आधार पर तय की जा सकती है. पंडित अमर डब्बेवाला ने घट स्थापना के मुहूर्त के बारे में भी बताया.
घट स्थापना का मुहूर्त
9 अप्रैल को सुबह 9 से 10:30 बजे तक(चंचल)
10.30 से दोपहर 12 बजे तक(लाभ) 11.30 से 12:30 बजे तक (अभिजीत)
दोपहर 12 बजे से 01.30 बजे तक (अमृत) और दोपहर 3 से शाम 4.30 बजे तक(शुभ) चौघडिया में घट स्थापना की जा सकती है.
रिपोर्ट -राहुल सिंह राठौड़, उज्जैन