Kawar Yatra: सावन महीने की शुरुआत होने में अब बस कुछ ही समय बाकी रह गया है. इस माह को बाकी महीनों से पवित्र माना जाता है, क्योंकि यह महीना शिव जी को अति प्रिय होता है. ऐसे में इस पूरे महीने भोलेनाथ की विधिवत पूजा-आराधना होती है. भक्त इस माह के हर सोमवार को व्रत रखकर भगवान शिव की भक्ति करते हैं, वहीं, कुछ भक्त कावड़ यात्रा पर भी जाते हैं, लेकिन क्या आपको मालूम है कि कावड़ यात्रा का महत्व खास क्यों होता है?


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क्या होती है कावड़ यात्रा?
धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक, शिव जी के ज्योतिर्लिंग पर विधिवत जल चढ़ाने की परंपरा को कावड़ यात्रा कहा जाता है. भक्त एक पवित्र स्थान से जल भरकर अपने कंधों पर ले जाते हैं और शिव जी पर चढ़ाते हैं. भक्त जल लेकर भोलेनाथ के जयकारे लगाते हुए पैदल यात्रा करते हैं. कावड़ यात्रा को लेकर एक मान्यता यह भी है कि यह यात्रा करने से भक्तों को अश्वमेघ यज्ञ के समान पुण्य मिलता है. कहा जाता है कि कावड़ यात्रा कर शिव जी पर जल चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.   


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इस साल कब होगा महादेव का जलाभिषेक?
बता दें, इस साल सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई को पड़ रहा है और शिवरात्रि प्रदोष व्रत 15 जुलाई को पड़ेगा. वहीं, सावन का दूसरा सोमवार 17 जुलाई को पड़ेगा. इसके अलावा सावन का तीसरा सोमवार 24 जुलाई को पड़ेगा. इसके बाद 30 जुलाई को प्रदोष व्रत पड़ेगा, जबकि 31 जुलाई को सावन का चौथा सोमवार पड़ेगा. 


कब है सावन का आखिरी सोमवार?
बता दें, इस बार सावन का महीना एक नहीं बल्कि दो हैं तो इस हिसाब से सावन का पांचवा सोमवार 7 अगस्त को पड़ेगा. सावन का छठा सोमवार 14 अगस्त को होगा. सावन का सातवां सोमवार 21 अगस्त को होगा. वहीं, सावन का आठवां सोमवार 28 अगस्त को पड़ रहा है. 
 
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. जी न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता.)


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