Kamakhya Devi Mandir: भारत इकलौता ऐसा देश है जिसे साधना और आध्यात्म का केंद्र माना जाता है. यहां ऐसे कई प्राचीन मंदिर हैं जिनकी दुनियाभर में मान्यता है. भारत में ऐसे भी कई मंदिर हैं जिनमें कई रहस्य छिपे हुए हैं जिनका वैज्ञानिक भी पता नहीं लगा पाए हैं. इन मंदिरों में ऐसी कई घटनाएं होती हैं, जिनके बारे में जो व्यक्ति पहली बार सुनता है वो दंग रह जाता है. ऐसा ही एक मंदिर गुहावटी के पास स्थित है जहां एक पत्थर से हमेशा पानी निकलता रहता है.  


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

असम में नीलांचल पर्वत पर स्थित है यह मंदिर
हम बात कर रहे हैं असम के नीलांचल पर्वत पर स्थित कामाख्या देवी मंदिर की, जो 52 शक्तिपीठों में से एक है. इस शक्ति पीठ को तांत्रिक साधनाओं के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी सती ने अपने पिता के घर हुए यज्ञ में अपने प्राणों की आहुति दे दी थी, जिसके बाद भगवान शिव क्रोधित होकर उनके जले हुए शरीर को लेकर संसार में भ्रमण कर रहे थे. उनके क्रोध को देखकर श्रीहरि ने अपने सुदर्शन चक्र से माता के पार्थिव शरीर के अंगों को काटना शुरू कर दिया.


ये भी पढ़ें- Shimla के इस मंदिर में पूरी होती है हर मनोकानमा, स्वर्ग की देवी मां तारा का है वास


नीलांचल पर्वत पर गिरी थी देवी सती की योनी
इस दौरान उनके शरीर के अंग धरती पर जिस-जिस जगह गिरे थे वहीं शक्तिपीठों की स्थापना कर दी गई थी. इस दौरान देवी सती की योनी नीलांचल पर्वत पर गिरी थी, जिसके बाद यहां कामाख्या देवी शक्तिपीठ की स्थापना कर दी गई. कहा जाता है कि जब देवी सती की योनी यहां गिरी थी तो वह एक विग्रह में परिवर्तित हो गई. 


साधना का केंद्र है यह मंदिर
कामाख्या मंदिर को शक्ति-साधना का केंद्र माना जाता है. कहा जाता है कि यहां हर किसी की मनोकामना पूरी होती है. बता दें, इस मंदिर को तीन हस्सों में बांटा गया है. कहा जाता है इस मंदिर में एक ऐसा पत्थर है जहां से हमेशा पानी निकलता रहता है. इतना ही नहीं, महीने में एक बार इसी पत्थर से खून धारा भी बहती है.   


WATCH LIVE TV