नंदलाल/नालागढ़: हंडूर रियासत के राजा रामशरण के समय से करीब 300 वर्ष पहले शुरू हुए ऐतिहासिक पीरस्थान का लोहड़ी मेला शनिवार से शुरू हो गया है जो अगले चार दिनों तक चलेगा. मेले में झूले, चंडोल और दुकानें भी सज गई हैं. ऐतिहासिक पीरस्थान के लोहड़ी मेले के चलते स्थानीय प्रशासन ने भी 15 जनवरी को लोकल होलीडे की घोषणा कर दी है, जिसके चलते दूसरे दिन रविवार का अवकाश होने के कारण मेले में भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आ रही है. पहले दिन सैकड़ों श्रद्धालुओं ने लख दाता पीर बाबा के पीरस्थान में माथा टेक कर मन्नतें मांगीं.


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बता दें, इस मेले का शुभारंभ लोहड़ी पर्व पर होता है. पीरस्थान स्थित लखदाता वाले पीर की प्राचीन दरगाह पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु शीश नवाने यहां आते हैं. लखदाता पीर केनाम से ही इस स्थान का नाम पीरस्थान पड़ा है. यह मेला दून व नालागढ़ विस क्षेत्र का सबसे बड़ा मेला होता है. इस मेले में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ से बड़ी संख्या में लोग यहां आते हैं.


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मेले का पहला दिन क्षेत्र की महिलाओं, बच्चों और परिवार की तरूंदस्ती का होता है. यहां लोग दरगाह में मत्था टेक कर तंदरुस्ती की कामना करते हैं. प्रसाद के रूप में यहां चूरमा (मीठी रोटी) बांटी जाती है. दंत कथाओं के मुताबिक, महिलाएं बच्चों की खुशहाली के लिए जंदड़े (ताले) खुलवाने के लिए सुखना करती हैं. मन्नत पूरी होने पर लोहड़ी वाले दिन महिलाओं द्वारा 3, 5 या 7 बार जंदड़ा (ताला) खोला और लगाया जाता है. यहां पहले ऊंटों की दौड़ की प्रतियोगिताएं आयोजित होती थीं. 


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पीरस्थान लोहड़ी मेले को लेकर पुलिस भी अलर्ट नजर आ रही है. मेले में किसी भी प्रकार की लोगों को परेशानी न हो और यातायात व्यवस्था भी सुचारू रूप से चलती रहे, इसके लिए नालागढ़ पुलिस ने भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात कर दिया है, जिसके लिए बद्दी से अतिरिक्त पुलिस कर्मी बुलवाए गए हैं. मेले में असामाजिक तत्वों पर भी पैनी नजर रखी जाए, इसके लिए पुलिस कर्मी सादी वर्दी में तैनात हैं. 


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