Bilaspur News: बिलासपुर के लुहनु मैदान के साथ लगती गोविंद सागर झील को एडवेंचर टूरिज़्म के क्षेत्र में नार्थ इंडिया का गोवा बनाने की कवायद में जिला प्रशासन जुट गया है, जिसके चलते आने वाले समय में गोविंद सागर झील में क्रूज, हाईस्पीड मोटर बोट्स और शिकारा चलती हुई दिखाई देगी. 


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गौतलतब है कि किरतपुर-नेरचौक फोरलेन निर्माण के बाद से जहां देशभर से कुल्लू, मनाली व धर्मशाला जाने वाले पर्यटकों का सफर आसान हो गया है, तो वहीं फोरलेन पर सफर करने वाला व्यक्ति कम समय व कम खर्चे पर अपने गंतव्य स्थान पर पहुंच जाता है. 


वहीं अब फोरलेन से लगते गोविंद सागर झील की खूबसूरती पर चार चांद लगाने के मकसद से यहां आने वाले समय में वाटर टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा, जिसको लेकर प्रदेश सरकार ने हरी झंडी दिखा दी है. इस बात की जानकारी देते हुए उपायुक्त बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक ने कहा कि गोविंद सागर झील में आने वाले समय में क्रूज, हाईस्पीड मोटर बोट्स और शिकारा चलती नजर आएंगी. 


इसे लेकर प्रदेश सरकार से स्वीकृति के बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गईहै. साथ ही उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन का प्रयास रहा है कि गोविंद सागर झील को नार्थ इंडिया का गोवा बनाया जाए ताकि यहां वाटर टूरिज्म व एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा मिल सके. इससे पर्यटक आकर्षित होंगे. 


साथ ही उन्होंने कहा कि टेंडर प्रक्रिया से पूर्व कईं राज्यों के वाटर व एडवेंचर टूरिज्म मॉडल का गहन अध्ययन किया गया है, जहां पर हाई स्पीड मोटरबोट, क्रूज व शिकारा चलती है और इसके बाद एक रिपोर्ट बनाकर हिमाचल सरकार को भेजी भी गई थी, जिसकी सरकार से मंजूरी मिल गई है. 


वहीं हिमाचल प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्मानी ने भी कहा कि जिला प्रशासन व प्रदेश सरकार के संयुक्त प्रयास से बिलासपुर में पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से गोविंद सागर झील में वाटर टूरिज्म की संभावनाओं को तलाशने व हाउस बोट, क्रूज, हाई स्पीड मोटरबोट्स व मोटराइज ग्लाइडर्स के चलने से जहां कुल्लू, मनाली व धर्मशाला जाने वाले पर्यटक इन एडवेंचर व वाटर गतिविधियों का आनंद लेगा, तो साथ ही युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.


रिपोर्ट- विजय भारद्वाज, बिलासपुर