अब केवल 4 साल के लिए होगी सेना में भर्ती, जानें कितनी होगी तनख्वाह और पेंशन
सेवा के दौरान शहीद होने पर सेवा निधि समेत एक करोड़ से ज्यादा की राशि ब्याज समेत दी जाएगी. अगर जवान ड्यूटी के दौरान दिव्यांग हो जाता है तो उसे 44 लाख रुपये तक की राशि दी जाएगी. साथ ही बची हुई नौकरी का भी वेतन दिया जाएगा. चार साल की सेवा के बाद इनको सशस्त्र बल और अन्य सरकारी नौकरियों में वरीयता मिलेगी.
समीक्षा कुमारी/शिमला: देश के युवाओं के लिए 'अग्निपथ भर्ती योजना' के तहत 4 साल के लिए सेना में भर्ती होने का मौका दिया जा रहा है. कल से इस योजना के तहत भर्ती प्रक्रिया शुरू होने जा रही है. साढ़े 17 साल से 21 वर्ष आयु वर्ग के युवा इसके लिए पात्र होंगे. अग्निवीर बनने के लिए 10वीं से लेकर 12वीं तक के छात्र आवेदन कर सकेंगे. सेना में अभी औसत उम्र 32 साल है जो अगले 6 से 7 साल में घटकर 24 से 26 साल के बीच आ जाएगी.
30 हजार रुपये होगी महीने की तनख्वाह
इस योजना को रक्षा बलों के खर्च को कम करने की दिशा में सरकार के प्रयासों का एक हिस्सा भी माना जा रहा है. चार साल के सेवाकाल के बाद 75 फीसदी जवानों की सेवाएं खत्म हो जाएंगी. अब अधिकतम 25 फीसदी को रेगुलर काडर में जगह मिलेगी. ARTRAC Lt. General एसएस महाल ने बताया कि भर्ती की शुरुआत 90 दिन के भीतर हो जाएगी. इस साल 46 हजार अग्निवीरों की भर्ती की जाएंगी. पहली भर्ती प्रक्रिया में युवाओं को छह महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी. अग्निवीर को भर्ती के पहले साल 30 हजार महीने तनख्वाह होगी. इसमें से 70 फीसदी यानी 21 हजार रुपये उसे दिए जाएंगे बाकी 30 फीसदी यानी नौ हजार रुपये अग्निवीर कॉर्प्स फंड में जमा होंगे.
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जवान 18 लाख तक का ले सकेंगे लोन
इसके अलावा इस फंड में इतनी ही राशि सरकार भी डालेगी. वहीं, दूसरे साल अग्निवीर की तनख्वाह बढ़कर 33 हजार, तीसरे साल 36.5 हजार तो चौथे साल 40 हजार रुपये हो जाएगी. चार साल में ये बचत 5.02 लाख रुपये होगी. वहीं, सरकार की ओर से भी इतनी ही रकम जमा की जाएगी. नौकरी पूरी होने के बाद उसे ये रकम ब्याज सहित मिलेगी. जो करीब 11.71 लाख रुपये होगी. ये रकम टैक्स फ्री होगी. इसमें जवान 18 लाख तक का लोन भी ले सकेंगे.
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दिव्यांग होने पर मिलेगी इतनी राशि
सेवा के दौरान शहीद होने पर सेवा निधि समेत एक करोड़ से ज्यादा की राशि ब्याज समेत दी जाएगी. अगर जवान ड्यूटी के दौरान दिव्यांग हो जाता है तो उसे 44 लाख रुपये तक की राशि दी जाएगी. साथ ही बची हुई नौकरी का भी वेतन दिया जाएगा. चार साल की सेवा के बाद इनको सशस्त्र बल और अन्य सरकारी नौकरियों में वरीयता मिलेगी. इसके अलावा अग्निवीरों को कई राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों में आने वाली नौकरियों में प्राथमिकता दी जाएगी.
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