Piles: पाइल्स जिसे 'बवासीर' कहा जाता है. ये एक ऐसी बीमारी है, जिसमें पीड़ित व्यक्ति को गुदा यानी एनस के अंदरूनी या बाहरी हिस्से में सूजन आ जाती है. इस स्थिति में मरीज को कब्ज की समस्या होने लगती है और उन्हें नित्य क्रिया शौच में भी दिक्कत होती है. इसमें मरीज को मल के साथ खून आने लगता है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कितने प्रकार का होता है बवासीर? (Types of Piles)
बवासीर दो प्रकार का होता है, जिसे एक्सटर्नल पाइल्स और इंटरनल पाइल्स कहा जाता है.  


एक्सटर्नल पाइल्स (External Piles)
एक्सटर्नल पाइल्स व्यक्ति के गुदा यानी मल मार्ग के आसपास होता है. 


इंटरनल पाइल्स (Internal Piles)
यह व्यक्ति के मलाश्य यानी रेक्टम में होता है. इसमें मल त्याग के दौरान खून निकलता है और मरीज को काफी दर्द भी होता है.  


ये भी पढ़ें- दिल्ली मुखर्जी नगर के कोचिंग सेंटर में आग लगने का मामला, HC ने जारी किया नोटिस!


किस वजह से होता है बवासीर? (Reason of Piles)
बवासीर कई कारणों से हो सकता है. इसमें कब्ज, गर्भावस्था, मोटापा, लंबे समय तक बैठे या खड़े रहना, मल त्याग के दौरान तनाव और कम फाइबर वाला आहार शामिल है. यह 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में ज्यादा होता है जो आम है. 


यह है बवासीर का उपचार? (What is Piles treament)
अगर हम बवासीर के उपचार की बात करें तो इसके लिए आमतौर पर जीवनशैली में बदलाव होना जरूरी है. इसके लिए फाइबर का सेवन बढ़ाना, अधिक मात्रा में तरल पदार्थ पीना और ओवर-द-काउंटर दवाएं जैसे क्रीम, मलहम या सपोसिटरी का उपयोग करना चाहिए यह इसके लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं. अगर आपको बवासीर के लक्षण महसूस हो रहे हैं तो आप इसके सही इलाज के लिए तुंरत डाक्टर से परामर्श लें और उपचार कराएं. 


आप इस तरह भी बवासीर के खतरे को कर सकते हैं कम
जीवनशैली में कुछ बदलाव करने से भी बवासीर के लक्षणों को कम किया जा सकता है. इसमें उच्च फाइबर आहार खाना, खूब पानी पीना, नियमित व्यायाम करना और लंबे समय तक बैठने या खड़े होने से बचना शामिल है.


ये भी पढ़ें- हिमाचल हत्याकांड में आरोपी हुआ गिरफ्तार, CM सुक्खू ने कहा-अब नहीं होनी चाहिए कोई राजनीति


इन दवाओं का करें इस्तेमाल (Bawaseer medicine)
ओवर-द-काउंटर क्रीम, मलहम और सपोसिटरी खुजली और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं. दर्द से राहत के लिए दर्द निवारक दवाओं का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.


गैर-सर्जिकल प्रक्रियाओं का कर सकते हैं उपयोग
बवासीर के इलाज के लिए कई गैर-सर्जिकल प्रक्रियाएं भी हैं जिनका उपयोग करके पाइल्स को कम किया जा सकता है. इसमें रबर बैंड लिगेशन, स्क्लेरोथेरेपी और इन्फ्रारेड जमावट शामिल हैं. ये प्रक्रियाएं आम तौर पर एक आउट पेशेंट के आधार पर की जाती हैं और यह सर्जरी की तुलना में कम आक्रामक होती हैं.


सर्जरी
वैसे तो सर्जरी आमतौर पर कई गंभीर मामलों के लिए होती है. पाइल्स के लिए सबसे आम सर्जिकल प्रक्रिया हेमोराहाइडेक्टोमी है, जिसमें सूजी हुई नसों को हटाया जाता है, लेकिन इसके सही उपचार के लिए डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है.


WATCH LIVE TV