राकेश मल्ही/ऊना: हिमाचल प्रदेश के चिंतपूर्णी मंदिर में हर साल चैत्र नवरात्र का मेला लगता है. इस साल यह मेला 22 मार्च से शुरू होने जा रहा है जो 30 मार्च तक चलेगा, जिसके सफल आयोजन के लिए बाबा माईदास सदन के सभागार में एक बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में उपायुक्त ऊना महेन्द्र पाल गुर्जर ने जानकारी देते हुए बताया कि इस साल एसडीएम अंब मेला अधिकारी होंगे जबकि डीएसपी अंब को पुलिस मेला अधिकारी नियुक्त किया गया है.

 

उन्होंने कहा कि मेले के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए मेला क्षेत्र को चार सेक्टर में बांटा जाएगा, जिसमें लगभग 450 पुलिस और होमगार्ड जवान तैनात किए जाएंगे. मेले का पहला सेक्टर शिव मंदिर भरवाईं से मिरगू बैरियर तक होगा. दूसरा सेक्टर मिरगू, बाबा माईदास सदन से पुराना बस अड्डा व तलवाड़ा बाई पास से डॉ. सुरेंद्र की दुकान तक होगा, तीसरा सेक्टर डॉ. सुरेंद्र की दुकान से सूद की दुकान, मंदिर लिफ्ट से गेट नंबर 1 की समस्त सीढ़ियां, अस्पताल, समनोली बैरियर, तालाब इत्यादि तक होगा और चौथा सेक्टर मंदिर प्रवेश द्वार से दर्शन स्थल, मुंडन स्थल, लिफ्ट, लक्कड़ बाजार से शंभू बैरियर तक होगा.

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मंदिर में नारियल ले जाने पर पूरी तरह प्रतिबंध 

एडीसी ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए मेला अवधि के दौरान मंदिर में नारियल ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. नारियल मंदिर के मुख्य गेट से पहले डीएफएमडी के स्थान पर लाईन में ही यात्रियों से जमा कर लिए जाएंगे. श्रद्धालुओं के लिए दर्शन पर्ची अनिवार्य होगी और यह पर्ची बाबा श्री माईदास सदन, नया बस अड्डा व शंभू बैरियर से मिलेगी.

 

चिंतपूर्णी अस्पताल में 24 घंटे दी जाएगी मेडिकल सुविधा

उन्होंने बताया कि मेले के दौरान श्रद्धालुओं को आपातकालीन चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित करने को चिंतपूर्णी अस्पताल में 24 घंटे सेवाएं प्रदान की जाएंगी. उन्होंने मेले के दौरान श्रद्धालुओं को स्वच्छ व साफ-सुथरा पेयजल मुहैया करवाने के लिए जल शक्ति विभाग को पेयजल स्रोतों की स्वच्छता और समुचित पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए. 

 


 

लंगर लगाने के लिए जगह चिंहित करेगी गठित की गई टीम

एडीसी महेंद्र पाल गुर्जन ने बताया कि लंगर लगाने के लिए बीडीओ की अध्यक्षता में तीन सदस्यों की टीम का गठन किया जाएगा, जो लंगर लगाने के लिए स्थान चिंहित करेगी. लंगर लगाने के लिए पहले अनुमति लेनी होगी और फिर सड़क से दूरी पर लंगर लगाए जाएंगे ताकि श्रद्धालुओं को आवाजाही में किसी तरह की असुविधा न हो.

 

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