Education news: हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार 286 जीरो छात्र एनरोलमेंट वाले स्कूल डिनोटिफाई करने जा रही है जो पूर्व जयराम सरकार के कार्यकाल में खोले गए थे. इनमें प्राइमरी स्कूल और मिडिल स्कूल शामिल हैं.
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समीक्षा कुमारी/शिमला: देशभर में जहां बच्चों की एजुकेशन के लिए ज्यादा से ज्यादा स्कूल खोले जा रहे हैं. वहीं, हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार प्रदेश के ज्यादातर स्कूल बंद करने की तैयारी कर रही है, लेकिन ये बच्चों को शिक्षा से वंचित करने नहीं बल्कि उन्हें बेहतर शिक्षा देने और अध्यापकों का उनकी मनचाही जगह पर ट्रांसफर करने के लिए किया जा रहा है.
क्यों किए जा रहे स्कूल बंद?
दरअसल शनिवार को हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में एक प्रेस वार्ता आयोजित की गई, जिसमें शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने पूर्व की जयराम सरकार की शिक्षा व्यवस्था को घेरते हुए कहा कि भविष्य में आवश्यकतानुसार ही स्कूल खोले जाएंगे. पिछले 5 साल में शिक्षा का स्तर काफी गिरा है. जयराम सरकार ने वोटों की राजनीति के लिए आखिरी 6 महीनों में 320 नए स्कूल खोले हैं.
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स्कूल खोलने का पैरामीटर किया गया कम
शिक्षा मंत्री ने कहा कि लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने स्कूल खोलने के पैरामीटर में छूट दी है. पहले जहां स्कूल खोलने का पैरामीटर प्राइमरी कक्षा में 25 छात्रों का तय किया गया था उसे अब 10 छात्र किया गया है. हाई स्कूल में छात्रों की संख्या 40 से घटाकर 20 कर दी गई है. सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बच्चों की संख्या 60 से घटाकर 25 की गई है. उन्होंने कहा कि जिन कॉलेजों में छात्रों की संख्या 65 होगी, वह फंक्शनल रहेंगे.
शिक्षकों का उनकी चॉइस के स्टेशन किया जाएगा ट्रांसफर
रोहित ठाकुर ने कहा कि सरकारी स्कूलों में क्वालिटी एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए सरकार जल्द ट्रांसफर पॉलिसी में बदलाव करने जा रही है. मंत्री ने संकेत दिए कि ऐसे टीचर जो वर्षों से एक ही स्थान पर बैठे हुए हैं उन्हें जल्द वहां से हटाया जाएगा. दूरदराज या ट्राइबल एरिया के स्कूलों में वर्षों से काम करने वाले अध्यापकों को भी चॉइस के स्टेशन पर भेजा जाएगा.
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जमकर साधा जयराम सरकार पर निशाना
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने पूर्व की जयराम सरकार को घेरा और कहा कि 86 हजार करोड़ रुपये का ऋण उन्हें विरासत में मिला है. अकेले 11 हजार करोड़ रुपये कर्मचारियों के डीए और एरियर का लंबित है.
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