पीएम मोदी ने अपनी किताब में चंबा के आशीष बहाल के पत्र को दी जगह, `मन की बात` में भी किया था जिक्र
हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा के शिक्षक आशीष बहल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने पीएम से `मन की बात` कार्यक्रम में चंबा में लगने वाले मिंजर मेले का जिक्र करने की बात कही थी.
Minjar mela: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने वाले चंबा के शिक्षक आशीष बहल के पत्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी किताब में जगह देकर हिमाचल को गौरवान्वित किया है, जिस किताब में अशीष बहल का पत्र छपा है. उस किताब को प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें भेजने के साथ-साथ बेहतर भविष्य की मंगल कामनाएं ग्रीटिंग कार्ड के माध्यम से भेजी हैं.
बता दें, हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा के भटियात विधानसभा क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले शिक्षक आशीष बहल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजा था, जिसमें उन्होंने चंबा में लगन वाले अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेले के बारे में बताया था और इस मेले और हिमाचल की समृद्ध परंपरा और यहां की संस्कृति का जिक्र 'मन की बात' कार्यक्रम में करने की गुहार लगाई थी.
पीएम ने 'मन की बात' कार्यक्रम में किया था जिक्र
इसके बाद प्रधानमंत्री ने न केवल आशीष बहल के पत्र का जिक्र किया बल्कि मन की बात कार्यक्रम में मिंजर मेले के ऐतिहासिक और पारंपरिक विषयों पर भी विस्तार से देशवासियों को जानकारी दी. पीएम ने अब उसी पत्र को एक किताब में भी शामिल करते हुए इसे आशीष बहाल के भेजा है.
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आशीष बहल ने पीएम का जताया आभार
पीएम को पत्र लिखने वाले आशीष बहल ने बताया कि उन्होंने जो पत्र उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा था उस पत्र को पीएम ने अपनी किताब में स्थान देकर हिमाचल को गौरवान्वित किया है, जिस किताब में पत्र छपा है उस किताब को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें भेजने के साथ-साथ बेहतर भविष्य की मंगल कामनाएं ग्रीटिंग कार्ड के माध्यम से की हैं. उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है.
चंबा की संस्कृति के उत्थान के लिए काम करते रहने का लिया संकल्प
आशीष ने कहा कि एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट से ताल्लुक रखने वाले किसी शिक्षक के नाम का जिक्र जब प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में किया था तो यह केवल मेरे लिए ही नहीं बल्कि समस्त शिक्षक समाज के लिए किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं था. अब जब उसी पत्र को किताब में जगह मिली है तो वह खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. उन्होंने इस उपलब्धि को शिक्षक समाज के लिए समर्पित करते हुए भविष्य में इसी तरह चंबा की संस्कृति के उत्थान के लिए काम करते रहने का संकल्प लिया है.
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