विजय भारद्वाज/बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhvinder singh sukhu) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) द्वारा खोले गए शैक्षणिक संस्थानों को डीनोटिफाई का फैसला लिया है, जिसका बीजेपी लगातार विरोध कर रही है. इसी कड़ी में आज पार्टी (BJP) ने एक बार फिर सुक्खू सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए बिलासपुर में जिला स्तरीय आक्रोश रैली का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने की. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

लोकप्रिय नहीं Lock प्रिय मुख्यमंत्री है सुखविंदर सिंह सुक्खू- जयराम ठाकुर  
पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए सीएम सुक्खू को लोकप्रिय मुख्यमंत्री के बजाय Lock प्रिय मुख्यमंत्री  करार किया. उन्होंने कहा कि 3 महीने का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही प्रदेश की जनता में इस सरकार के खिलाफ रोष देखने को मिल रहा है लोग इस सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं जो कि हिमाचल के इतिहास में पहली बार हुआ है. सरकार अपने कार्याकाल के शुरुआती तीन माह में ही फेल हो गई है. 


ये भी पढ़ें- Ayushman yojana: गरीब वर्ग के लिए लाभदायक साबित हो रही 'आयुष्मान भारत योजना', जनता को मिल रह भरपूर फायदा


लाबंदी की सरकार सिद्ध हो रही कांग्रेस
वहीं जयराम ठाकुर ने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार केवल तालाबंदी की सरकार सिद्ध हो रही है, जिसमें सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बिना कैबिनेट के ही अपनी मर्जी से एक के बाद एक संस्थान बंद करने के निर्णय लिए हैं. जयराम ठाकुर ने कहा कि पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने भी चुनाव से पूर्व 21 नए संस्थान खोलने के निर्णय लिए थे और बिना बजट कर्मचारियों व छात्रों की संख्या के उनकी आधारशिलाएं भी रखी थीं, लेकिन सत्ता में आने के बाद उन्होंने उन संस्थानों को डी नोटिफाइड करने के बजाए उन्हें खोलने का काम किया था. 


ये भी पढ़ें- Himachal Pradesh: पालमपुर के विकास को लगेंगे चार-चांद, जल्द बनेगा आईटी हब और हेलीपोर्ट


कांग्रेस ने लिया सबसे ज्यादा कर्जा
वहीं आगामी बजट सत्र को लेकर जयराम ठाकुर ने कहा कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा कर्जे के मुद्दे पर दिए जाने वाले बयान से उन्हें लगता है कि इस बार के बजट से लोगों को कोई खास फायदा नहीं होने वाला है. उन्हें सीएम सुक्खू के पहले बजट से कोई खास उम्मीदें भी नहीं हैं. उन्होंने सीएम सुक्खू द्वारा पूर्व भाजपा सरकार पर कर्जे लेने के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि पूर्व में प्रदेश में सबसे ज्यादा सत्तासीन कांग्रेस की सरकार रही हैं. ऐसे में कांग्रेस ने ही सबसे ज्यादा कर्जा लेने का काम किया है जबकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू केवल भाजपा सरकार पर कर्जे का ठीकरा फोड़कर जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं.