चंडीगढ़: हिमालय की गोद में बसा हिमाचल नई ड्रोन नीति को मंजूरी देने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. देवभूमि हिमाचल के लिए गर्व की बात है. इस नीति के बनने से कृषि, बागवानी, वन, उद्योग और गृह विभाग के काम आसान हो जाएंगे.


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शिमला में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ड्रोन पॉलिसी 2022 और प्रदेश लॉजिस्टिक्स पॉलिसी 2022 को मंजूरी मिल गई है. 


ड्रोन के फायदे क्या है?


जंगलों में माफिया पर नजर रखी जा सकेगी, आग लगने की सूचना भी मिलेगी
खेतों-बगीचों में कीटनाशकों या फफूंदनाशकों का मिनटों में सुरक्षित तरीके से छिड़काव कर सकेंगे 
सूबे के अति दुर्गम क्षेत्रों में दवाएं पहुंचाने का काम करेगा ड्रोन
ट्रैफिक को नियंत्रित करने और अपराधियों को पकड़ने में भी मददगार होगा
विद्यार्थियों को भविष्य के लिए तैयार कर ड्रोन क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध होंगे
अवैध तरीके से चलाए जा रहे ड्रोन को वैध करने के लिए लाइसेंस दिए जाएंगे 
हिमाचल की ड्रोन नीति मुख्य रूप से ड्रोन-सक्षम प्रौद्योगिकी बनाने, प्रशिक्षण स्कूलों की स्थापना, स्टार्टअप और नवाचार योजनाओं आदि के माध्यम से जनशक्ति का निर्माण करने पर केंद्रित है.


ड्रोन होता क्या है?


आपने ड्रोन को उड़ते हुए देखा होगा. लेकिन क्या आप जानते है कि ड्रोन होता क्या है? ड्रोन एक flying robot होता है जिसे मनुष्य द्वारा रिमोट से कंट्रोल किया जाता है. ड्रोन को बनाने का मुख्य कारण उन कामों को आसान बनाने के लिए किया जाता है जो इंसानों के लिए जोखिम भरे होते हैं. ड्रोन का इस्तेमाल बहुत सारे कार्यों के लिए किया जाता है. फोटोग्राफी के लिए, खेती से जुड़े कार्यों और होम डिलीवरी जैसे बिजनेस के लिए.