लेफ्टिनेंट बनकर घर पहुंचे अमोल गौतम, इकलौते होने के बावजूद पिता ने सेना में भेजने का क्यों लिया प्रण
अमोल गौतम के लेफ्टिनेंट बनने के बाद पहली तैनाती असम रेजिमेंट में हुई है. लेफ्टिनेंट अमोल गौतम ने बताया कि सेना में भर्ती होने के लिए उनके पिता उमेश गौतम ने उन्हें हमेशा से प्रेरित किया. उनके पिता उन्हें रोज सुबह जल्दी उठाकर उनकी फिजिकल ट्रेनिंग के लिए दौड़ करवाते थे.
विजय भारद्वाज/बिलासपुर: 11 जून को भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून में हुई पासिंग आउट परेड के बाद इस साल सेना को 288 युवा अफसरों की जाबांज टोली मिली है. इनमें 13 जवान हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं. बिलासपुर के नैनादेवी से संबध रखने वाले अमोल गौतम जिन्होंने 10वीं की परीक्षा अच्छे अंकों से पास करने के बाद पंजाब स्थित महाराजा रणजीत सिंह अकादमी मोहाली में 2 साल का सैन्य प्रशिक्षण लेने के बाद साल 2018 में रिटन टेस्ट पास आउट कर ऑल इंडिया रैंकिंग में 12वें स्थान पर रहे, जिसके बाद अमोल भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून में प्रवेश पाने के लिए परीक्षा पास की और ट्रेनिंग लेकर पासिंग आउट के बाद अब वह लेफ्टिनेंट बनकर घर लौटे हैं.
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पिता ने हमेशा किया प्रेरित
अमोल गौतम के लेफ्टिनेंट बनने के बाद पहली तैनाती असम रेजिमेंट में हुई है. लेफ्टिनेंट अमोल गौतम ने बताया कि सेना में भर्ती होने के लिए उनके पिता उमेश गौतम ने उन्हें हमेशा से प्रेरित किया. उनके पिता उन्हें रोज सुबह जल्दी उठाकर उनकी फिजिकल ट्रेनिंग के लिए दौड़ करवाते थे. इसके साथ ही उनके पिता ने पढ़ाई के साथ-साथ ट्रेनिंग को लेकर फाइनेंसियल और मेंटली हर तरह से काफी स्पोर्ट किया है, जिससे सेना में लेफ्टिनेंट बनना उनके लिए आसान हो गया. वहीं, लेफ्टिनेंट अमोल के पिता उमेश गौतम उनकी कामयाबी पर काफी खुश हैं. सेना में भर्ती होने का उनका सपना साकार करने पर उन्हें अमोल पर बहुत नाज है.
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ये है सेना में भर्ती करने की वजह
अमोल गौतम के पिता उमेश गौतम ने कहा कि शहीद अमोल कालिया की शहादत के दिन ही अमोल गौतम का जन्म हुआ था तभी से उन्होंने अमोल को सेना में भर्ती करने की ठान ली थी. वहीं इकलौता बेटा होने के बावजूद भी उसे देश की सेवा के लिए सेना में भर्ती करने पर अमोल की माता मीना गौतम का भी धन्यवाद किया, जिसने बिना कुछ सोचे समझे उनके इकलौते बेटे को सेना में भर्ती करने के उनके सपने को साकार करने के लिए हमेशा अपनी मंजूरी दी. आज उनका बेटा भारतीय सेना में भर्ती हो गया है. वहीं लेफ्टिनेंट अमोल गौतम के नैनादेवी स्थित अपने घर पहुंचने पर परिजनों ने उनका स्वागत करते हुए उज्ज्वल भविष्य के लिए अपनी बधाईयां भी दी हैं.
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