विपन कुमार/धर्मशाला: देश का युवा आज तेजी से नशे की ओर बढ़ता नजर आ रहा है. युवाओं में नशे का बढ़ता प्रचलन खासकर चिट्टे का इस्तेमाल पुलिस के साथ-साथ समाज के लिए एक चुनौती बना हुआ है. आए दिन नशे के कई मामले सामने आ रहे हैं. अगर बीते वर्षों की बात की जाए तो नशे के ज्यादातर मामले  खासकर चिट्टे के मामले बॉर्डर एरिया में ही सामने आए थे, लेकिन अब जिला कांगड़ा के अलग-अलग कई क्षेत्रों से चिट्टे की बरामदगी के मामले सामने आ रहे हैं. हालांकि पुलिस भी नशे को रोकने के लिए प्रयासरत है. इसके बावजूद नशे का प्रचलन लगातार बढ़ता जा रहा है. 


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एनडीपीएस एक्ट की बात की जाए तो इसमें सजा के साथ-साथ नशा कारोबारियों की प्रॉपर्टी को अटैच करने का भी प्रावधान है, जिसके तहत जिला पुलिस ने कई नशा कारोबारियों की प्रॉपर्टी अटैच भी की हैं. इसके बावजूद नशा कारोबारी इस धंधे को बंद नहीं कर रहे हैं. पुलिस लगातार यह जानने की कोशिश कर रही है कि नशे की सप्लाई कहां और कैसे होती है. पुलिस ऐसे एरिया को चिन्हित कर रही है जो नशे के हब बन चुके हैं. 


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चिट्टे का ज्यादा इस्तेमाल सेहत को करता है खराब
वहीं, इस बारे में डीआईजी नॉर्थन रेंज अभिषेक दुलर का कहना है कि चिट्टे का बढ़ता इस्तेमाल कम करना पुलिस के साथ-साथ समाज के लिए एक चैलेंज बन चुका है. नशे को बढने से कैसे रोका जाए इसके लिए पुलिस की ओर से हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं. युवा पीढ़ी तेजी से नशे की ओर बढ़ रही है. चिट्टे का बहुत ज्यादा इस्तेमाल एडिक्टिव होता है जो सेहत को खराब करता है. 


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नशा कारोबारियों के खिलाफ एनडीपीएस कानून के तहत सजा का प्रावधान
डीआईजी ने बताया कि इस नशे के इस्तेमाल पर एनडीपीएस कानून के तहत सजा का प्रावधान है. इसके साथ ही नशा कारोबारियों की प्रॉपर्टी अटेचमेंट करने का भी प्रावधान तय है, जिसके तहत नशे के कारोबार में लिप्त लोगों की प्रॉपर्टी अटैच की जा सकती है. ऐसे मामलों में पुलिस ने कई नशा कारोबारियों की प्रॉपर्टी अटैच भी की है.


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