हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में पड़ सकता है सूखा, आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए की जा रही खास व्यवस्था
Himachal weather: हिमाचल प्रदेश का नाम वैसे तो ठंड़े क्षेत्रों की सूची में शामिल है, लेकिन गर्मी की दस्तक के साथ भविष्य में यहां सूखा पड़ने के आसार हैं. ऐसे में सिरमौर जिला प्रशासन ने संभावित सूखे से निपटने के लिए तैयारियां भी शुरू कर दी हैं.
देवेंद्र वर्मा/नाहन: मुख्य सचिव के निर्देशों के बाद सिरमौर जिला प्रशासन ने संभावित सूखे से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं. आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए सिरमौर जिला में लोगों के सहयोग से ठीकरी पहरे लगाए जाएंगे.
प्रदेश में सूखा पड़ने की बढ़ी संभावना
मुख्य सचिव के साथ हुई बैठक के बाद अलग-अलग महकमों के अधिकारियों को जरूरी निर्देश जारी किए गए हैं. डीसी सिरमौर रामकुमार गौतम ने कहा कि इस बार सिरमौर जिला में 48 फीसदी बारिश कम आंकी गई है. ऐसे में सूखे की संभावना बढ़ गई है. उन्होंने कहा की सिरमौर जिला में पंचायत स्तर पर लोगों के सहयोग से आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए ठीकरी पहरे लगाए जाएंगे. लोग जहां वन विभाग को आगजनी की सूचना देंगे. वहीं, आगजनी को रोकने में भी उनकी मदद करेंगे. डीसी ने इस बारे में वन विभाग को निर्देश जारी कर गए हैं. इसके साथ ही उन्होंने लोगों से भी सहयोग की अपील की है.
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पशुपालकों से किया जा रहा पशु चारे की व्यवस्था करने का आह्वान
DC ने कहा कि जिला में इस बार पशु चारे की कमी हो सकती है. ऐसे में पशुपालकों से आह्वान किया जा रहा है कि अभी से पशु चारे की व्यवस्था करनी शुरू कर दें और जितना हो सके चारे का भंडारण करें ताकि आवश्यकता पड़ने पर इसका इस्तेमाल किया जा सके. उन्होंने कहा कि सिरमौर में अधिकतर चारा पड़ोसी राज्यों से आता है. वर्तमान में चारे के दाम भी काफी कम हैं, इसलिए समय रहते पशुपालकों से लगातार चारा खरीदने की अपील की जा रही है.
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संबधित विभागीय अधिकारियों को जारी किए गए आदेश
डीसी ने कहा कि फिलहाल सूखे से फसलों को हुए नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं आई है, लेकिन विभागीय अधिकारियों को आदेश जारी कर दिए गए हैं कि आने वाले समय में बारिश न होने के कारण फसलों के नुकसान का आंकलन किया जाए ताकि भविष्य में अगर सरकार प्रदेश में सूखा घोषित करती है तो रिपोर्ट को मुआवजे के लिए सरकार को भेजा जा सके.
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