World Wealth Report 2023: विश्व भर में हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल्स (HNWIs) की संख्या में गिरावट आई है, लेकिन भारत की नेटवर्थ में इजाफा हुआ है. खास बात यह है कि कोरोना महामारी के बाद भी साल 2022 में देश में हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल की संपत्ति में बढ़ोतरी हुई है. वहीं, इस श्रेणी में आने वाले लोगों की संख्या में बीते वर्षों के मुकाबले इजाफा हुआ है. यह वृद्धि 10.5 प्रतिशत तक दर्ज की गई है. कैपजेमिनी की 'वर्ल्ड वेल्थ रिपोर्ट' के मुताबिक, अब भारत के कुल 308 लोग अल्ट्रा-रिच की कैटेगिरी की शामिल हो गए हैं.


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भारत को मिली नई उम्मीद
वहीं अगर बात की जाए, अच्छी-खासी संपत्ति वाले लोगों (Affluent) की तो वह इस बार HNWIs से काफी ज्यादा बढ़ती हुई दिखाई दी है. हालांकि, भारत के HNWIs के लिए इस बार कुछ नहीं उम्मीद देखने को मिली हैं.


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Capgemini की 'World Wealth Report- 2023' जो कि 1 जून, 2023 को पब्लिश की गई थी, उसमें बताया गया कि बीते एक साल में जियोपॉलिटिकल संकट, मार्केट में गिरावट, कॉस्ट ऑफ लिंविंग और अप्रत्याशित महंगाई जैसे संकटों के कारण HNWIs को झटका लगा है. 


विश्वभर में केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज की दरें बढ़ा दी गई हैं. इसका सीधा असर ग्लोबल इकोनॉमी पर पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है. इतना ही नहीं, इससे कई कंपनियों की कमाई भी प्रभावित हुई है और टेक्नोलॉजी स्टॉक्स पर भी दबाव पड़ा है.


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वेल्थ में आई गिरावट
वहीं, कैपजेमिनी की 'वर्ल्ड वेल्थ रिपोर्ट' के अनुसार, साल 2022 में ग्लोबल HNWI वेल्थ में 3.6 प्रतिशत की गिरावट आई थी, जो वर्ष 2013 से 2022 के बीच सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है. HNWIs के मार्केट में ही नहीं बल्कि डाइवर्सिफाइड इंस्ट्रूमेंट्स में भी वेल्थ में गिरावट दर्ज की गई है. 


क्या है भारत की संपत्ति में हुई बढ़ोतरी का कारण? 
- भारत को मिला केंद्रीय बैंक द्वारा Higher liquidity support, और इस संदर्भ में Liquidity का मतलब है सहजता से.
- घरेलू सरकार की नीतियों को मिला समर्थन.
- टीकाकरण अभियान में देखी गई लगातार वृद्धि.
- शानदार रिटर्न देने वाले बाजार द्वारा धन का विस्तार.


ग्लोबल फैक्टर्स ने दुनिया को हिलाया, लेकिन भारत फिर आगे आया! 
जहां इस साल ग्लोबल फैक्टर्स के कारण हर तरफ HNWIs प्रभावित हुए, वहीं, पिछले साल की Capgemini की रिपोर्ट (2021 के डेटा पर आधारित) में पाया गया था कि भारत में HNWIs की जनसंख्या में 10.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई थी और इसके साथ ही 308 लोग अल्ट्रा-रिच की कैटेगरी में आ गए थे. ग्लोबल स्तर पर तब इसमें 7.8% की तेजी आई थी और इनकी जनसंख्या 22.5 मिलियन हो गई थी.


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