Home Remedies For Varicose: आधुनिक समय में कामकाजी लोग नई-नई बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. जो लोग लंबे समय तक बैठे या खड़े रहते हैं, अक्सर उनमें नई-नई बीमारियां ज़्यादा देखने को मिल रही हैं. आजकल एक नई ही बीमारी वैरिकोज वेन्स (Varicose Veins) की समस्या बढ़ती जा रही है. अगर बात करे वैरिकोज वेन्स की तो आजकल यह समस्या बहुत ज्यादा बढ़ गई है.वैरिकोज वेन्स को वेरिकोसाइटिस (Varicose)भी कहा जाता है. 


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असल में यह वैरिकोज वेन्स (Varicose Veins) की समस्‍या तब उत्‍पन्‍न होती है जब नसें बड़ी, चौड़ी या रक्‍त से ज्‍यादा भर जाती हैं. वैरिकोज वेन्स अक्‍सर सूजी औैर उभरी हुई नसों के रूप में सामने आती हैं और ये नीले या लाल रंग की दिखती हैं जिनमें अक्‍सर दर्द महसूस होता है.


ज़ी मीडिया के साथ डॉक्टर अखिल मोंगा की बातचीत

आज ज़ी मीडिया के साथ MBBS, MD, FNIR (Functional near-infrared spectroscopy)डॉक्टर अखिल मोंगा इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी (Consultant Interventional Radiology and Endovascular Surgery at Sohana Hospital) ने वैरिकोज वेन्स की समस्‍या के बारे में जानकारी सांझा की है. बता दें कि डॉक्टर मोंगा ने नई दिल्ली AIIMS में भी प्रक्टिस कर चुके है. अब हाल में पंजाब के ज़िले मोहाली के सोहाना अस्पताल में प्रक्टिस कर रहे हैं. हाल में डॉक्टर अखिल मोंगा ने वैरिकोज वेन्स (Varicose Veins) बीमारी के क्या लक्षण और इससे कैसे बचा जा सकता है इसके बारे में कुछ टिप्स बताएं है.


वैरिकोज वेन्स की समस्‍या सबसे अधिक प्रभावित आपके पैरों और पैरों के पंजों को करती है. इसका कारण यह है कि खड़े होने और घूमने से आपके निचले शरीर की नसों में दबाव बढ़ जाता है.


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वैरिकोज वेन्स के लक्षण
गहरी बैंगनी या नीली दिखने वाली नसें
रस्सियों की तरह दिखने वाली मुड़ी और सूजी हुई नसें
पैरों में एक दर्द या भारीपन महसूस होना।
जलन, चीस मचना, मांसपेशियों में ऐंठन और पैरों के निचले हिस्से में सूजन।


वैरिकोज वेन्स के कारण
डॉक्टर का कहना है कि अक्सर  मोटापे वाले लोगों को यह समस्या ज़्यादा होती है। इसके साथ ही प्रेग्‍नेंसी, मेनोपॉज और 50 से अधिक उम्र के लोगों को इस समस्या से जूझना पड़ता है. सबसे ज़्यादा जो लोग लंबे समय तक खड़े रहते हैं जैसे- शॉपकीपर (दुकानदार), टीचर्स और पुलिसकर्मी शामिल है. 


ट्रेडिशनल और इंटरवेंशनल ट्रीटमेंट में क्या अंतर है ?
ट्रेडिशनल ट्रीटमेंट में पहले समय में चीरा लगा कर और सर्जरी कर इसका इलाज किया जाता था परतुं आज के समय में इंटरवेंशनल ट्रीटमेंट आ गया है. इस ट्रीटमेंट में नॉन-इनवेसिव सर्जरी की जाती है. इस तकनीक में कोई भी चीरा या कोई कट नहीं लगाया जाता है.


इस समस्या से बचने के लिए अपनाएं यह टिप्स 
-एक्सरसाइज करें
-अगर आपका वजन अधिक है, तो कम करने की कोशिश करें.
-डाइट में हाई फाइबर लें 
-अगर अधिक देर से खड़े हैं, तो पैरों को आराम देने के लिए थोड़ी-थोड़ी देर में बैठते रहें.


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