ज्ञानप्रकाश/पच्छाद: हिमाचल प्रदेश के पच्छाद सराहां क्षेत्र में पीलिया के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. यह संख्या पिछले एक महीने में ज्यादा बढ़ी है. इस रोग को रोकने में स्वास्थ्य विभाग नाकाम साबित हो रहा है, जिसकी वजह से स्थानीय लोग काफी डरे हुए हैं और गुस्से में नजर आ रहे हैं. स्थानीय तहसीलदार ने विभागीय टीमों के साथ पेयजल स्रोतों का दौरा किया और सैंपल इकट्ठे कर जांच के लिए भेज दिए हैं.  


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सराहां क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहे पीलिया से पीड़ित एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है, लेकिन संबंधित जिम्मेदार विभाग अभी तक पीलिया फैलने के कारणों का पता नहीं लगा पाया है. जल शक्ति विभाग और स्वास्थ्य विभाग आपस में उलझ गए हैं.


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जल शक्ति विभाग के नतीजे हुए गलत साबित 
दरअसल पीलिया फैलने के शुरुआती दिनों में ही जल शक्ति विभाग ने सभी चार पेयजल स्रोतों का पानी साफ होने की बात कही थी, लेकिन पीलिय के मामले बढ़ते देख स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया और खुद पानी के सैंपल की जांच करवाई. स्वास्थ्य विभाग ने पानी के सैंपल जुंगा स्थित एफएसएल लैब में जांच के लिए भेजे. एफएसएल लैब में जांच के नतीजे शक्ति विभाग के नतीजों के बिल्कुल उलट सामने आए. जांच में खुलासा हुआ है कि पानी दूषित है. स्वास्थ्य विभाग का कहना कि है कि पेयजल स्रोतों का पानी दूषित पाया गया है जो कि गंभीर विषय है और अगर जल शक्ति विभाग ने जानबूझकर गलत रिपोर्टिंग की है तो यह इससे भी गंभीर अपराध है.


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तहसीलदार को सौंपा गया जांच का जिम्मा 
जल शक्ति विभाग और स्वास्थ्य विभाग की आपसी खींचतान में पीलिया का ग्राफ दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. प्रदेश स्वास्थ्य विभाग इस मामले को लेकर अभी तक गंभीर नजर नहीं आ रहा है. क्षेत्र में हालात यह हैं कि पीलिया से पीड़ित लोगों की संख्या 100 का आंकड़ा पार कर चुकी है. कुछ लोग झाड़-फूंक से इलाज करवा रहे हैं तो कुछ लोग शिमला, चंडीगढ़, देहरादून और नाहन मेडिकल कॉलेज में जाकर उपचार करवा रहे हैं. हालांकि इस बीच प्रशासन सचेत हो गया है और सानी तहसीलदार को जांच का जिम्मा सौंप दिया है.


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