Gastroenteritis disease: हिमाचल प्रदेश में बढ़ते आंत्रशोध रोग पर कांगड़ा जिला प्रशासन हुआ अलर्ट
Gastroenteritis disease: हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में इन दिनों दूषित पानी से आंत्रशोध नामक रोग फैल रहा है. ऐसे में कांगड़ा जिला प्रशासन इस बीमारी से बचाव को लेकर अलर्ट हो गया है.
विपन कुमार/धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश का कांगड़ा जिला प्रशासन दूषित पानी से हो रहे आंत्रशोध रोग से लोगों के बचाव को लेकर पूरी तरह मुस्तैद है. इसके लिए प्रशासन द्वारा एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि यहां डायरिया को फैलने से रोका जा सके. जिले में स्वास्थ्य विभाग एक्शन मोड पर है. पहले से की गई तैयारी के तौर पर सभी स्वास्थ्य संस्थानों में जरूरी दवाओं और अन्य प्रबंधों के साथ जन जागरूकता पर बल दिया जा रहा है. वहीं, जल शक्ति विभाग के जरिए व्यापक स्तर पर जल स्रोतों की स्वच्छता को लेकर भी मुहिम छेड़ी गई है.
घर-घर जाकर की जा रही लोगों की जांच
एसडीएम धर्मशाला शिल्पी बेकटा ने बताया कि धर्मशाला तहसील के शीला चौक, पासू और भटेड़ गांवों में डायरिया के मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम को मौके पर भेजा गया. विभाग के कर्मचारियों ने घर-घर जाकर लोगों की जांच की और जो लोग इस रोग से ग्रसित थे उन्हें तुरंत उपचार सुविधा उपलब्ध कराई गई है. घर-घर जाकर लोगों की जांच के साथ ही इससे निपटने के लिए दवाईयां उपलब्ध करवाई गई हैं. उन्होंने कहा कि घरों से लिए गए पानी के सैंपल जांच के लिए भेज दिए गए हैं और स्टोर किए गए पानी को फेंक दिया गया है.
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घर-घर बांटी जा रहीं क्लोरीन गोलियां
गुरुवार को दूसरे दिन भी धर्मशाला की एसडीएम शिल्पी बेक्टा ने प्रभावित गांवों में जाकर स्थिति का जायजा लिया और वहां के लोगों से बातचीत की. इसके साथ ही मरीजों से उनका हाल-चाल जाना. एसडीएम ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र के लोगों की मदद के लिए दाड़ी स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 24 घंटे खुला रखने की बात कही. इसके साथ ही मौके पर एंबुलेंस वाहन भी तैनात किया गया है. इस स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए हर घर में क्लोरीन गोलियों का वितरण किया जा रहा है.
पानी टैंकों में क्लोरीन और ब्लीचिंग पाउडर डालने का किया जा रहा काम
एसडीएम शिल्पी बेकटा ने बताया कि स्थिति पर नजर रखने के लिए खंड स्तर पर रैपिड एक्शन टीमें गठित की गई हैं. इसके अलावा जल शक्ति विभाग को उपमंडल में जल स्रोतों के रैंडंम सैंपल लेकर स्वच्छता मानकों पर जांचने को कहा गया है. पानी के टैंकों और अन्य स्रोतों में क्लोरीन और ब्लीचिंग पाउडर डालने का काम किया जा रहा है.
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लोगों से की अपील, लक्षण दिखने पर तुरंत कराएं जांच
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के जरिए लोगों को डायरिया से बचाव और अपने आस-पास सफाई का ध्यान रखने के लिए जागरूक किया जा रहा है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि किसी भी व्यक्ति को डायरिया से संबंधित लक्षण दिखें तो वह तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर जांच कराएं. डायरिया की जांच और उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी तैयार हैं.
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