Himachal Assembly Election 2022: चुनावी वर्ष 2022 में हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं. बता दें, हिमाचल प्रदेश में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव (himachal assemvly election 2022) होने हैं. ऐसे में हर राजनीतिक दल चुनाव की तैयारियों में जुट गया है. जहां एक ओर प्रदेश में बड़े नेताओं का आना-जाना लगा हुआ है वहीं दूसरी ओर नेताओं का एक पार्टी छोड़ दूसरी पार्टी में जाना जारी है. 


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बता दें, इस बार का चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है. ऐसा इसलिए क्योंकि प्रदेश में अब तक कांग्रेस (Congress) और बीजेपी (BJP) का ही कब्जा रहा है, लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) भी चुनावी मैदान में उतर गई है. ऐसे में हम आपको बता रहे हैं प्रदेश की एक-एक विधानसभा सीट का हर अपडेट और राजनीतिक समीकरण. 


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क्या है 'लाहौल-स्पीती' सीट राजनीतिक समीकरण?
आज हम बात करेंगे प्रदेश की 21वीं विधानसभा सीट 'लाहौल-सपीती' (Lahaul and Spiti) के बारे में, जो कि राज्य के लाहौल और स्पीति जिले (dist Lahaul and Spiti) के अंतर्गत आती है. लाहौल स्पीती अपनी खूबसूरती के लिए काफी मशहूर है. वहीं अगर यहां के राजनीतिक समीकरण की बात की जाए तो जब से यहां अटल-टनल बना है तब से यहां का राजनीतिक समीकरण भी बदला है. ऐसा इसलिए क्योंकि अटल-टनल बनने से पहले यह क्षेत्र एक लंबे समय तक बर्फ की आगोश में रहता था, जिसकी वजह से इस क्षेत्र में आना-जाना मुश्किल हो जाता था.   


कौन हैं लाहौत स्पीती का मौजूदा विधायक?
बता दें, हिमाचल की इस सीट पर अभी बीजेपी के डॉ. रामलाल मारकंडा विधायक पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. चुनावी वर्ष 2017 में यहां की जनता ने डॉ. राम लाल मार्कंडा को अपने विधायक के रूप में चुना था. 2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी के डॉ. रामलाल मारकंडा को 45.6 प्रतिशत वोट और कांग्रेस के रवि ठाकुर को 36.9 प्रतिशत वोट मिले थे. इन चुनाव में रवि ठाकुर को 1478 वोटों के मार्जन से हार का सामना करना पड़ा था. 


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ये है वोट प्रतिशत
अगर हम बात करें यहां के मतदाताओं की तो फिलहाल इस क्षेत्र में 32 हजार की जनसंख्या है, जिनमें से 23 हजार से ज्यादा लोग अपने वोट का प्रयोग करते हैं. इसमें लगभग 12 हजार वोटर पुरुष हैं जबकि लगभग 12 वोटर ही महिलाएं हैं. 


ये हैं लाहौल स्पीती सीट की समस्या 
आज भले ही मैदानी इलाको में 5 जी नेटवर्क की बात की जाती है, लेकिन हिमाचल प्रदेश का लाहौल स्पीती एक ऐसा क्षेत्र है जहां के लोग आज भी मोबाइल नेटवर्क के लिए परेशान रहते हैं. यहां के लोगों का कहना है कि ये परेशानी कम होने की बजाए पिछले 5 साल में और ज्यादा बढ़ी है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी सड़कों की हालत अभी तक ठीक नहीं हुई है. इसके अलावा इस इलाके की ऊंचाई काफी ज्यादा होने की वजह से ग्रामीण क्षेत्र आज तक सिंचाई व्यवस्था के अभाव में हैं. अब देखना ये होगा कि इस साल के विधानसभा चुनाव में कौन सी पार्टी हिमाचल प्रदेश की लाहौल-स्पीती विधानसभा सीट पर जीत हासिल करेगी और इस क्षेत्र में काफी समय से बनी हुईं इन समस्याओं का समाधान करेगी.   


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अब तक इन लोगों ने हासिल की जीत
बता दें, हिमाचल प्रदेश की लाहौल-स्पीती सीट पर 1972 में कांग्रेस से लता, 1977 में जेएनपी (Janata Party) में देवी सिंह, 1982 में कांग्रेस से देवी सिंह इसके बाद 1985 में भी कांग्रेस से देवी सिंह, 1990 में कांग्रेस से फुनोगोग राय, 1993 में कांग्रेस फुनोगोग राय, 1998 में एचवीसी (Himachal Vikas Congress) से राम लाल मार्कंडा, 2003 में कांग्रेस रघबी सिंह, इसके बाद 2007 में बीजेपी से डॉ. रामलला मार्कंड, 2012 में कांग्रेस से रवि ठाकुर और फिर 2017 में बीजेपी से डॉ. रामलला मार्कंड को जीत हासिल हुई. 


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