नई दिल्ली : तालिबान मेरे शरीर को गोलियां मार सकता है पर मेरे सपनों को नहीं मार सकता. करीब 8 साल पहले यह बात कहकर पाकिस्तानी एक्टिविस्ट मलाला यूसुफजई (Malala Yousafzai) ने आतंकवाद के मुंह पर करारा तमाचा मारा था.


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लड़कियों की पढ़ाई के हक में आवाज उठाने के कारण पाकिस्तान के स्वात घाटी की रहने वाली मलाला को महज 15 साल की उम्र में तालिबान (Taliban) ने सिर में गोली मार दी थी. 9 अक्टूबर 2012 को हुए इस हमले के वक्त मलाला स्कूल बस में जा रही थी. इस घटना ने पूरी दुनिया का ध्यान पर पर चला गया.  


गंभीर हालत मलाला को इलाज के लिए  ब्रिटेन ले जाया गया, जहां सर्जरी के बाद उसकी जान बच सकी. बाद में ब्रिटेन स्थित पाकिस्तानी दूतावास में उनके पिता को नौकरी भी दी गई. इस घटना के दो साल बाद वर्ष 2014 में मात्र 17 साल की मलाला यूसुफजई को नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया.सबसे कम उम्र में ये अवॉर्ड पाने का रिकॉर्ड  मलाला यूसुफजई के नाम है. 


बाद में वह पाकिस्तान छोड़कर बर्मिंघम (Birmingham) में ही शिफ्ट हो गईं. उन्होंने यहां लड़कियों की सहायता के लिए मलाला फंड नाम से चैरिटी शुरू की. मलाला ने 2020 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से दर्शनशास्त्र, राजनीति और अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन पूरा किया है.


अब मलाला (24)  ने अपने जीवन को नया आयाम देते हुए अपने बचपन के दोस्त असर (Asser) से ब्रिटेन में निकाह कर लिया है. कल मलाला ने सोशल मीडिया पर अपने निकाह की तस्वीरें शेयर की हैं. इसमें उनके माता-पिता भी दिख रहे हैं. 


मलाल ने ट्वीट किया- आज मेरे जीवन का एक अनमोल दिन है. असर और मैं जीवनभर एक-दूसरे का साथ निभाने के लिए शादी के बंधन में बंध गए। हमने बर्मिंघम में अपने घर पर अपने परिवार के साथ एक छोटा सा समारोह किया. हम आगे की यात्रा के लिए एक साथ चलने के लिए उत्साहित हैं. हमें आपकी शुभकामनाओं की जरूरत है.  इसके बाद उनके निकाह की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं. 



शादी को गैरजरूरी बताने पर हुआ था बवाल  


मशहूर मैगजीन वोग (Vogue) को दिए एक इंटरव्यू में मलाला ने शादी को गैरजरूरी बताते कहा था कि मैं नहीं समझ पा रही हूं कि लोग शादी क्यों करते हैं. अगर आपको जीवनसाथी चाहिए तो आप शादी के कागजों पर साइन क्यों करते हैं. यह केवल एक पार्टनरशिप क्यों नहीं हो सकती है?


मलाला के इस बयान पर बखेड़ा खड़ा हो गया था. इसके बाद बिगड़ी बात को संभालने के लिए उनके पिता जियाउद्दीन यूसुफजई को सामने आना पड़ा था.