Swami Vivekananda Jayanti 2024: स्वामी विवेकानंद की 161वीं जयंती, जानें कैसे स्वामी बनें यूथ आइकॉन
आज 12 जनवरी को भारत के महान आध्यात्मिक गुरु और सबसे बड़े युवा आइकन स्वामी विवेकानन्द की जयंती है. स्वामी विवेकानन्द को करोड़ों युवा अपना आदर्श मानते हैं और उनके जोशीले विचारों से प्रेरणा लेते हैं.
Swami Vivekananda Jayanti: विवेकानन्द का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता के एक बंगाली परिवार में हुआ था. उनके पिता विश्वनाथ दत्त कलकत्ता के उच्च न्यायालय में एक वकील थे. विवेकानन्द के जन्म के समय उनका नाम नरेंद्रनाथ दत्त रखा गया था.
25 साल की आयु में विवेकानंद ने स्वामी रामकृष्ण परमहंस से प्रेरित हो कर अपना घर छोड़ दिया था और एक सन्यासी की तरह अपना जीवन बिताने लगे थे. स्वामी की 1881 में पहली बार रामकृष्ण परमहंस से मुलाकात हुई थी.
1884 में विवेकानंद के पिता की मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद से उनके घर की आर्थिक स्थिति कफ बिगड़ गई थी. वह नौ बहन-भाइयों में से एक थे. नरेंद्र ने रामकृष्ण से अपने परिवार के वित्तीय कल्याण के लिए देवी काली से प्रार्थना करने का अनुरोध किया था, इसके बजाय रामकृष्ण ने उन्हें स्वयं प्रार्थना करने का सुझाव दिया. जिसके बाद नरेंद्र धीरे-धीरे ईश्वर की प्राप्ति के लिए सब कुछ त्यागने के लिए तैयार हो गए.
राष्ट्रीय युवा दिवस का उद्देश्य स्वामी जी के संदेशों को दोबारा जागृत और प्रोत्साहित करना है. पश्चिमी देशों में योग, वेदांत और भारतीय दर्शन को लाने वाले स्वामी विवेकानन्द की जयंती भारत सरकार हर साल बड़े पैमाने पर मनाती है.
इस साल केंद्र सरकार का राष्ट्रीय युवा महोत्सव महाराष्ट्र के नासिक में मनाया जा रहा है. इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. साथ ही वह देश के युवाओं को भी संबोधित करेंगे. इस बार राष्ट्रीय युवा दिवस की थीम 'इट्स ऑल इन द माइंड' है, जिसका हिंदी में अर्थ है सब कुछ आपके दिमाग में है.
स्वामी विवेकानंद की 39 वर्ष की आयु में 4 जुलाई 1902 को मृत्यु हो गई थी. उनकी मृत्यु का कारण रात 9 बजे ध्यान करते समय मस्तिष्क में रक्त वाहिका का टूटना बताया गया था.