Zucchini Benefits: खीरे की तरह दिखने वाली यह सब्जी करती है कई बीमारियों का इलाज, जाने हैरान कर देने वाले फायदें

जुकिनी, जिसे तोरी के नाम से भी जाना जाता है, लौकी परिवार से आती है। इसकी खासियत इसका हल्का स्वाद और कोमल बनावट है. तोरी वजन घटाने के साथ-साथ दिल और आंखों के स्वास्थ्य में भी मदद कर सकती है। तोरी के पोषण और स्वास्थ्य लाभों के बारे में अधिक जानने के लिए आगे पढ़ें.

राज रानी Mon, 21 Oct 2024-3:52 pm,
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Strong Bones

बढ़ती उम्र के साथ अक्सर हड्डियां कमजोर होने लगती हैं जिसके कारण बदन में दर्द रहता है और डेली लाइफ की नॉर्मल एक्टिविटीज करना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में अगर जुकिनी को अपनी डाइट में शामिल कर लेंगे तो हड्डियां लोहे जैसी मजबूत हो जाएंगी क्योंकि इसमें कैल्शियम और विटामिन के की भरपूर मात्रा पाई जाती है.

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Improves Eyesight

जुकिनी में बीटा कैरोटिन जैसे तत्व पाए जाते है. इसके अलावा जुकिनी में ल्यूटिन और जेक्सांथिन नामक एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होता है जो रेटिना को सेहतमंद बनाता है. साथ ही ये विटामिन सी से भी भरपूर है जो आंखों के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. इन सब तत्वो के कारण से आंखों की रोशनी तेज हो जाती है.

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Healthy Digestion

जुकिनी में सॉल्यूबल फाइबर मौजूद होते है जिसकी वजह से पेट में गुड बैक्टीरियाज बढ़ने लगते हैं और अगर आपको कब्ज, गैस, एसिडिटी या अपच की परेशानी हो तो  जुकिनी से बेहतर कोई और इलाज नही है. इसके अलावा इस सब्जी में वॉर कंटेट काफी ज्यादा मात्रा में होता है जो आपके मल को कड़ा होने से बचाता है. खासकर गर्मी के मौसम में इसका सेवन जरूर करना चाहिए.

 

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Reduces Weight

जुकिनी में फाइबर का रिच सोर्स होने के कारण आपको काफी देर तक भूख नहीं लगने देता और आप ज्यादा खाने से बचें रहेगे जिसके कारण आपका वजन धीरे-धीरे कम होने लगेगा. 

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Diabetes

टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों को जुकिनी का सेवन जरूर करना चाहिए. इसकी मदद से ब्लड शुगर लेवल की मात्रा को तेजी से कम किया जा सकता है. इसमें फाइबर की मात्रा ज्यादा और कार्बोहाइड्रेट कम होता है, जिस कारण इंसुलिन का सिक्रीशन तेज हो जाता है. इसका रोजाना सेवन करने से आपको डायबिटीज से रहत मिल सकती है.

 

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Heart Attack

जुकुनी एक हेल्दी डाइट है जिसे लोग आमतौर पर खाते हैं. यह नसों में गंदे कोलेस्ट्रॉल को घटाने में मदद करता है जिस कारण बल्ड प्रेशर कंट्रोल में रहता है. ऐसे में हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर, कोरोनरी आर्टरी डिजीज और ट्रिपल वेसल डिजीज का रिस्क काफी हद तक कम हो जाता है. (Disclaimer- यह लेख सामान्य जानकारी के आधार पर बनाया गया है. ZeePHH इसकी पुस्टि नहीं करता है. स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी सुझाव-जानकारी पर अमल करने से पहले कृपया डॉक्टर से सलाह सलाह जरूर लें.)

 

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