Pravasi Bharatiya Divas 2025: प्रवासी भारतीय दिवस 2025 प्रतिवर्ष 9 जनवरी को मनाया जाता है ताकि राष्ट्र की पहचान को आकार देने और वैश्विक मंच पर इसकी उपस्थिति को मजबूत करने में विदेशों में रहने वाले भारतीयों की अभिन्न भूमिका को उजागर किया जा सके.


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इस वर्ष, प्रवासी भारतीय दिवस 2025(Pravasi Bharatiya Divas 2025) समारोह का 18वां संस्करण 8 से 10 जनवरी, 2025 तक ओडिशा के जीवंत शहर भुवनेश्वर में आयोजित किया जा रहा है. "विकसित भारत में प्रवासी भारतीयों का योगदान" थीम पर आधारित इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत के वैश्विक प्रवासी समुदाय का सम्मान करना और उनसे जुड़ना है, तथा विकसित भारत के निर्माण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता देना है.


9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है?
9 जनवरी का महत्व महात्मा गांधी से जुड़े ऐतिहासिक संबंध में है, जो अब तक के सबसे प्रतिष्ठित प्रवासी हैं. 1915 में इसी दिन महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे और अपने साथ वे आदर्श और अनुभव लेकर आए थे जो अंततः भारत के स्वतंत्रता आंदोलन की नींव बने. उनकी वापसी भारत के भविष्य को आकार देने में विदेशों में रहने वाले भारतीयों के गहन प्रभाव का प्रतीक है.


प्रवासी भारतीय दिवस(Pravasi Bharatiya Divas 2025) मनाने की परंपरा 2003 में शुरू हुई थी, जब 9 जनवरी, 2003 को पहला प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन आयोजित किया गया था. 2015 से, इस आयोजन ने द्विवार्षिक प्रारूप अपना लिया है, जिससे प्रवासी भारतीय समुदाय के साथ अधिक गहन चर्चा और सहभागिता का अवसर मिलता है.


Pravasi Bharatiya Divas 2025 थीम: विकसित भारत में प्रवासी भारतीयों का योगदान
इस वर्ष की थीम भारत के विकसित राष्ट्र बनने के मिशन में प्रवासी भारतीयों के महत्व को दर्शाती है. यह भारत और उसके वैश्विक नागरिकों के बीच मजबूत संबंधों को बढ़ावा देते हुए प्रौद्योगिकी, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और व्यापार जैसे क्षेत्रों में उनके योगदान पर जोर देता है.


विदेश में रहने वाले 32 मिलियन से अधिक भारतीयों के साथ, प्रवासी भारत और दुनिया के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं। प्रेषण, निवेश और भारत की वैश्विक छवि में उनका योगदान अद्वितीय है। प्रवासी भारतीय दिवस इस रिश्ते का जश्न मनाता है, आपसी विकास और विकास के लिए सहयोग को बढ़ावा देता है.