RG Kar Case: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने आरजी कर बलात्कार और हत्या मामले में संजय रॉय के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है. सीबीआई द्वारा दाखिल आरोप पत्र में रॉय को अपराध का एकमात्र आरोपी बताया गया है, जिससे सामूहिक बलात्कार की अटकलों को खारिज किया गया है. उन पर भारतीय दंड संहिता (IPS) की विभिन्न धाराओं के तहत बलात्कार और हत्या का औपचारिक आरोप लगाया गया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अधिकारियों ने बताया कि आरोपी नागरिक स्वयंसेवक ने कथित तौर पर उस समय अपराध को अंजाम दिया जब डॉक्टर छुट्टी के दौरान अस्पताल के सेमिनार कक्ष में आराम करने गई थी.


सीबीआई सूत्रों के अनुसार, आरोप पत्र में करीब 200 लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं, जिसमें रॉय को मुख्य आरोपी बताया गया है. उन्होंने कहा कि अभी भी इस बात की जांच चल रही है कि क्या इसमें कई संदिग्ध थे और क्या यह सामूहिक बलात्कार का मामला था.


घटना
यह चौंकाने वाला अपराध अस्पताल के सेमिनार रूम के अंदर हुआ, जहाँ पीड़िता लंबी शिफ्ट के बाद ब्रेक के दौरान आराम करने गई थी. अगली सुबह एक जूनियर डॉक्टर ने उसका शव देखा. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि पीड़िता के साथ बलात्कार किया गया था और उसकी बेरहमी से हत्या की गई थी, उसके शरीर पर 25 से अधिक आंतरिक और बाहरी चोटें पाई गईं.


कौन है संजय रॉय?
संजय रॉय स्थानीय पुलिस के साथ नागरिक स्वयंसेवक के रूप में काम कर रहे थे. सीसीटीवी फुटेज में रॉय को अपराध के दिन सुबह 4:03 बजे सेमिनार रूम में घुसते और लगभग 30 मिनट बाद बाहर निकलते हुए देखा गया. महत्वपूर्ण बात यह है कि घटनास्थल पर उनके ब्लूटूथ हेडफ़ोन पाए गए, जिससे पता चलता है कि वह अपराध से जुड़े हुए थे.


जांच में सीबीआई की भूमिका
व्यापक जन आक्रोश और स्थानीय पुलिस द्वारा मामले को संभालने के तरीके पर संदेह के बाद सीबीआई ने जांच अपने हाथ में ले ली. एजेंसी की जांच में परेशान करने वाले विवरण सामने आए, जिसके कारण संजय रॉय, डॉ. संदीप घोष और पुलिस अधिकारी को गिरफ्तार किया गया. आरोप पत्र अब कोलकाता की एक विशेष अदालत के पास है, जहां आगे की कार्यवाही होगी.