देवेंद्रे शर्मा/बरनाला: दुनियाभर में साहित्य के रंग बिखरने वाले सुरजीत साहित्य आज हमसे बेमुख होकर इस रंगीली दुनिया से चले गए हैं. आज शनिवार को उन्होंने अंतिम सासं ली. भले ही सुरजीत साहित्य आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी साहित्य की किताबें दुनियाभर में उनके चाहने वालों को उनकी याद दिलाती रहेंगी. 


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उनकी किताबों में दिए गए मार्गदर्शन हमें जिंदगी जीना सिखाते रहेंगे. सुरजीत साहित्य बीते दिन 10 मई को बरनाला में एक साहित्य समागम में पहुंचे थे. जहां उन्होंने मंच पर अपने पुराने अजीज साथियों को जो आज इस दुनिया में नहीं है उन्हें याद किया था, लेकिन किसी को यह मालूम नहीं था कि वह खुद भी कुछ घंटों बाद दुनिया छोड़कर चले जाएंगे. उनके निधन की खबर सुनकर हर कोई हैरान हो गया. आज साहित्य की दुनिया के हर शख्स की आंखों में आंसू नजर आ रहे हैं. हर कोई उन्हें याद कर भावुक हो रहा है. 


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वहीं, बरनाला में लेखक और साहित्यकार ओमप्रकाश गासो ने साहित्यकार सुरजीत पातर के निधन पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने साहित्यकार सुरजीत पातर की एक तस्वीर देखकर भावुक होते हुए कहा कि बीते दिन सुरजीत पातर बरनाला में उनके साथ एक प्रोग्राम में मौजूद थे. आज उनके निधन की खबर सुनने के बाद वह बहुत दुखी हैं.


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इसके साथ ही कहा कि सुरजीत पातर पंजाब और दुनियाभर के एक महान लेखक और साहित्यकार थे. उनके चले जाने से लेखन और साहित्य की दुनिया को ना पूरा होने वाला घाटा हुआ है. वहीं उन्होंने कहा कि लेखन और साहित्य के क्षेत्र में सुरजीत पातर की एक ध्रुव तारा है. जैसै ध्रुव तारा हमेशा चमकता रहता है वैसे ही सुरजीत पातर साहित्य और लेखन के क्षेत्र में ध्रुव तारे की तरह ही चमकते रहेंगे. 


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