हिमाचल प्रदेश के पूर्वोत्तर कोने में, शिमला से लगभग 235 किलोमीटर दूर तीन उच्च पर्वत श्रृंखलाओं ज़ांस्कर, ग्रेटर हिमालय, धौलाधार और सतलुज, स्पीति, बसपा नदियों से घिरा हुआ हिमाचल का किन्नौर एक बेहद खूबसूरत जिला है.
Himalayan Outland
इस खूबसूरत जिले को 1989 में बाहरी लोगों के लिए खोल दिया गया था। पुरानी हिंदुस्तान-तिब्बत सड़क सतलुज नदी के किनारे किन्नौर घाटी से होकर गुजरती है और अंत में शिपकी ला दर्रे पर तिब्बत में प्रवेश करती है. प्राकृतिक सुंदरता, लोगों की जीवन शैली, उनकी संस्कृति, विरासत, रीति-रिवाज और विविध परंपराएं के लिए जाना जाता हैं किन्नौर.
Unseen Religion
मजबूत संस्कृति और विश्वास वाले बहुत से ईमानदार लोग आमतौर पर बौद्ध धर्म और हिंदू धर्म का पालन करते हैं. उनका मानना है कि पांडव निर्वासन के दौरान इस भूमि पर आए और निवास किया। प्राचीन पौराणिक कथाओं में किन्नौर के लोगों को किन्नर के रूप में जाना जाता है, जो मनुष्य और देवताओं के बीच का मध्य भाग है.
Hidden trasure
यहां के सेब, चिलगोजा और अन्य सूखे मेवे विश्व प्रसिद्ध हैं। यहां का ऊंचा भूभाग सभी प्रकार के एडवेंचर खेलों के लिए मार्ग प्रशस्त करता है. खूबसूरत ट्रैकिंग मार्गों में 'किन्नर कैलाश की परिक्रमा' भी शामिल है। यहां खूबसूरत नाको झील और तीन प्रसिद्ध वाइल्ड लाइफ अभयारण्यें भी हैं.
Chitkul, India's last village
चिटकुल बसपा घाटी का आखिरी और सबसे ऊंचा गांव है. यहां स्थानीय देवी माथी के तीन मंदिर हैं, जिनमें से मुख्य मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण लगभग 500 साल पहले गढ़वाल के एक निवासी ने कराया था. यह मंदिर पारंपरिक कथुनी शैली में बनाया गया है और गांव के बिल्कुल केंद्र में है।चितकुल 'हिन्दुस्थान के आखरी गाओं' के नाम से प्रसिद्ध है.
Nako
नाको शिमला से 300 किलोमीटर दूर है। यह किन्नौर घाटी का सबसे ऊँचा गाँव है और बर्फ के ढेर से बनी झील का अस्तित्व गाँव की सुंदरता में चार चाँद लगा देता है। यहां याक, गाय, घोड़े और गधे बहुतायत में पाले जाते हैं। स्थानीय ग्राम देवता देवदुम हैं और कई मूर्तियों वाला एक अन्य लगंग मंदिर भी यहां मौजूद है.
Kalpa
कल्पा शिमला से 260 किमी की दूरी पर पुराने हिंदुस्तान तिब्बत रोड पर है. पहले यह किन्नौर का जिला मुख्यालय था.19वीं सदी में ब्रिटिश गवर्नर जनरल लॉर्ड डलहौजी की यात्रा के बाद कल्पा प्रमुखता में आया। यह भगवान शिव का शीतकालीन निवास माना जाता है.
Roghi, Suicide point
प्राकृतिक आश्चर्यों से भरपूर, खूबसूरत रोघी गांव कल्पा से 8 किमी दूर स्थित है और सुंदर सेब के बगीचों और पुरानी शैली में बने घरों के लिए जाना जाता है. प्रसिद्ध सुसाइड पॉइंट कल्पा को रोघी से जोड़ने वाली सड़क पर स्थित है और यह जगह इतनी प्यारी है कि पर्यटक सुसाइड प्वाइंट तक जाते समय खतरनाक खाई और खड़ी ढलान को भी भूल जाते हैं.
Bhaba Pin Valley
भाभा घाटी किन्नौर जिले में स्थित एक छोटी खूबसूरत घाटी है और यह कफनू, कटगांव, यांगपा आदि जैसे छोटे गांवों का एक समूह है। यह अपने रोमांचक ट्रेक, घने जंगलों और ठंडी हवा के लिए प्रसिद्ध है. यह पारंपरिक रूप से निर्मित घर और लोगों की अनूठी पोशाक शैली किन्नौर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक देती है.
Sangla
सांगला, एक घनी आबादी वाला गाँव है, जो प्रसीद बसपा घाटी में स्तिथ है, जो अपनी उच्च उपजाऊ मिट्टी के लिए प्रसिद्ध है. करछम से आगे की यात्रा पूरी घाटी में आनंददायक और साहसिक है और यह का प्राकृतिक दृश्य और अनन्त बर्फ का दृश्य सुरम्य और मनमोहक है. सांगला एक ढलान पर बसा गांव है जिसमें घर एक के ऊपर एक उठे हुए हैं. सांगला की होली देश भर में प्रसिद्ध है.
Reckong Peo
रिकांग पियो शिमला से 235 किमी दूर स्थित है, किन्नौर के तंगलिंग गांव से किन्नेर कैलाश की यात्रा शुरू होती है और रेकांग पिओ किन्नर कैलाश का मनोरम दृश्य दिखाने वाला जिला मुख्यालय है. किन्नर कैलाश पर्वत को भगवान शिव के पौराणिक घरों में से एक माना जाता है, यहां 79 फीट ऊंची चट्टान है जो शिवलिंग के समान है. दिन ढलने के साथ-साथ यह शिवलिंग रंग बदलता है.