व्रत के दौरान मूली नहीं खानी चाहिए. ज्योतिषशास्त्र में मूली का संबंध राहु से बताया गया है. कहा जाता है कि मूली का दान करने से राहु दोष दूर होता है.

Poonam
Oct 12, 2023

अगर आयुर्वेद की बात की जाए तो मूली वात वर्धक होती है. इसके सेवन से तमोगुण और रजो की बढ़ोतरी होती है. यही वजह है कि उपवास के दौरान मूली का सेवन नहीं करना चाहिए.

व्रत के दौरान प्याज लहसुन नहीं खाना चाहिए. अगर आप व्रत भी नहीं रख रहे हैं तब भी प्याज और लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए.

कहा जाता है कि ये राक्षसी भोजन होता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, प्याज और लहसुन की उत्पत्ति राहु और केतु से हुई है, जिसकी वजह से इनमें गंध आती है.

कहा तो यह भी जाता है कि प्याज और लहसुन काम भावना और उत्तेजना को बढ़ाता है. यही वजह है कि व्रत ही नहीं बल्कि पूजा-पाठ में बने खाने और भोग प्रशाद में भी प्याज लहसुन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. नवरात्र में तो भूलकर भी प्याज और लहसुन नहीं खाना चाहिए.

नवरात्रि में नौ दिन तक मांसाहार का सेवन करना भी वर्जित होता है. मान्यताओं के अनुसार, साधना या पूजा-पाठ के दौरान कभी किसी जीव को नहीं सताना चाहिए और ना ही किसी जीव की हत्या करनी चाहिए.

नवरात्रि में मसूर की दाल खाना भी वर्जित होता है. धार्मिक दृष्टि से मसूर की दाल को अपवित्र माना गया है. इसका संबंध मंगल ग्रह से माना गया है.

कहा जाता है कि इसके सेवन से मन में तासमिक और उग्र विचार आने लगते हैं. आयुर्वेद के अनुसार, इसके सेवन से रजोगुण की मात्रा बढ़ती है, जिससे साधना भंग होती है. साधना के दौरान सात्विक गुणों को बढ़ाना चाहिए.

नवरात्रि के दौरान बैंगन भी नहीं खाना चाहिए. यह रजोगुण को बढ़ाता है और सात्विक गुण को कम करता है. बैंगन काम भाव को भी बढ़ाता है. (Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. जी न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता.)

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