Jobs in Army: अग्निपथ योजना के तहत अब भारतीय सेवा में महिला अग्निवीरों को बतौर जवान शामिल करने का प्रस्ताव लाया जा सकता है. हालांकि अभी इस बारे में भारतीय सेना व रक्षा मंत्रालय की तरफ से ऑफिशियली तौर पर कोई जानकारी नहीं दी गई है. भारतीय सैन्य सेवाओं में करीब 1700 महिला अफसर हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, औरतों को बतौर जवान नियुक्त करने का प्रस्ताव तैयार किया जा चुका है और यह मंजूरी के लिए अपने आखिरी मरहले में है.


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माना जा रहा है इस प्रक्रिया के तहत सबसे पहले नियुक्तियां सर्विसेज से शुरू होंगी. इसके बाद महिला अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया का विस्तार कॉम्बैट सपोर्ट आर्म्स में किया जाएगा. 


4 सेवा करने का मौका


बता दें कि सेना में 'अग्निपथ' योजना के तहत चुने गए युवाओं को अग्निवीर कहा जाता है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, अग्निपथ देशभक्त और प्रेरित युवाओं को चार साल की अवधि के लिए सशस्त्र बलों में सेवा करने की इजाजत देता है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, अग्निपथ योजना सशस्त्र बलों के युवा प्रोफाइल को सक्षम करने के लिए डिजाइन की गई है. यह उन युवाओं को अवसर प्रदान करता है, जो वर्दी धारण करने के प्रति इच्छुक हैं, समकालीन तकनीकी प्रवृत्तियों के अनुरूप हैं और समाज में कुशल, अनुशासित और प्रेरित जनशक्ति की पूर्ति करते हैं.


औसत आयु होगी कम


रक्षा मंत्रालय का यह भी मानना है कि यह सशस्त्र बलों के युवा प्रोफाइल को बढ़ाएगा और 'जोश' और 'जज्बा' का एक नया संसाधन देगा. साथ ही, ज्यादा तकनीकी जानकार सशस्त्र बलों की दिशा में एक परिवर्तनकारी बदलाव लाएगा, जो वास्तव में वक्त की जरूरत है. मंत्रालय का कहना है कि यह परिकल्पना की गई है कि इस योजना के कार्यान्वयन से भारतीय सशस्त्र बलों की औसत आयु लगभग 4-5 साल कम हो जाएगी. आत्म-अनुशासन, परिश्रम और ध्यान की गहरी समझ के साथ ज्यादा प्रेरित युवाओं के संचार से राष्ट्रीय को अत्यधिक लाभ होता है, जो पर्याप्त रूप से कुशल होंगे और दूसरे क्षेत्रों में योगदान करने में सक्षम होंगे.


यह हैं फायदे


यह तीनों सेनाओं की मानव संसाधन नीति में एक नए युग की शुरुआत करने के लिए सरकार द्वारा शुरू किया गया एक प्रमुख रक्षा नीति सुधार है. अग्निवीरों को तीन सेनाओं में लागू जोखिम और कठिनाई भत्ते के साथ एक आकर्षक अनुकूलित मासिक पैकेज दिया जाता है. चार साल की कार्यावधि के पूरा होने पर, अग्निवीरों को एकमुश्त 'सेवा निधि' पैकेज का भुगतान किया जाएगा, जिसमें उनका योगदान शामिल होगा, जिसमें उस पर अर्जित ब्याज और सरकार से उनके योगदान की संचित राशि के बराबर योगदान शामिल होगा.