Afghan-Pakistan border crossing: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच क्रॉसिंग पर हजारों ट्रक तीन दिन से फंसे हुए हैं. जिसकी वजह से ट्रेडिंग को काफी नुकसान पहुंच रहा है. दोनों देश के अधिकारी इस मसले का हल निकालने की कोशिश में लगे हुए हैं. आपको जानकारी के लिए बता दें तालिबान अधिकारियों ने रविवार को तोरखम को बंद कर दिया जो दोनों देशों के बीच ट्रेड का अहम रास्ता है.


पाक-अफगान रूट बंद होने से व्यापारियों को भारी नुकसान


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पाकिस्तान-अफगानिस्तान वाणिज्य और उद्योग के जॉइंट चैंबर के निदेशक जियाउल हक सरहदी का इस मसले को लेकर कहना है कि "पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा को बंद करने से दोनों देशों के व्यापारियों को भारी नुकसान हो रहा है. सीमा के दोनों ओर भारी ट्रकों की लंबी कतारें हैं." उन्होने जानकारी दी कि तकरीबन 6 हजार ट्रक जिनमें माल भरा हुआ है वह रविवार से  फंसे हुए हैं.


क्यों बंद किया गया है तोरखम?


तोरखाम को बंद करने की असली वजह सामने नहीं आ पाई है. हालांकि दोनों देशों के अधिकारियों का कहना है कि हम मसले को हल करने की कोशिश में लगे हैं. तालिबान के एक प्रांतीय अधिकारी ने सोमवार को न्यूज एंजेसी रॉयटर को बताया कि पाकिस्तान पारगमन, यात्रियों और बीमार लोगों को इलाज कराने की अनुमति देने की अपनी प्रतिबद्धताओं पर खरा नहीं उतरा है. वहीं पाकिस्तान सरकार ने इस मसले पर अभी तक कोई बयान नहीं दिया है. पाक के एक अधिकारी ने कहा कि तालिबान ने तोरखाम को बंद करने की कोई वजह नहीं बताई है.



अफगानिस्तान के इस कदम से व्यापारियों और ट्रेडर्स को भारी नुकसान हो रहा है. इन ट्रकों में सब्जियां और फ्रूट्स हैं जो सड़ने की कगार पर आ गए हैं. कुछ ट्रकों को दूसरे, छोटे बॉर्डर क्रॉसिंग की ओर भी मोड़ा गया. लेकिन व्यापारी सुरक्षा को लेकर फिक्रमंद हैं.


बॉर्डर के पास फायरिंग


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार निवासियों ने बताया कि तोरखम के पास भारी गोलाबारी हुई थी. लेकिन तालिबान अधिकारियों ने हालात को नियंत्रित होने का वहाला दिया और इस झड़प से इंकार किया. बहरहाल आने वाले दिनों में देखना होगा कि दोनों देशों के बीच क्या फैसला होता है.