Hardik Pandya: टीम इंडिया  22 नवंबर से पर्थ में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच खेलने के लिए मैदान पर उतरेगी. वहीं, इसके एक दिन बाद स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या भी सीमित ओवर के सबसे छोटे प्रारूप में एक्शन में दिखेंगे. पंड्या लंबे वक्त से टेस्ट टीम से बाहर चल रहे हैं. उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी टीम में नहीं चुना गया है. यही कारण है कि वह भारत में ही अपना कमाल दिखाते हुए नजर आएंगे. 


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दरअसल, हार्दिक पंड्या कुछ सालों के ब्रेक के बाद फिर से डॉमेस्टिक क्रिकेट में खेलने के लिए उतर रहे हैं.  23 नवंबर से शुरू हो रही सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में हार्दिक अपनी घरेलू टीम बड़ौदा के लिए वापसी कर रहे हैं. खास बात यह है कि वह अपने बड़े भाई क्रुणाल पंड्या की कप्तानी में खेलेंगे.


हार्दिक ने पिछली बार बड़ौदा के लिए 2018-19 में मुंबई के ख़िलाफ़ एक रणजी ट्रॉफ़ी मैच खेला था, वहीं सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में वह आख़िरी बार जनवरी 2016 में खेले थे. तब हार्दिक का इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू नहीं हुआ था. इस तरह से हार्दिक ने 8 साल बाद इस टूर्नामेंट में वापसी कर रहे हैं. 


शानदार फ़ॉर्म में बड़ौदा
पिछले साल क्रुणाल की अगुआई में ही बड़ौदा की टीम सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी टूर्नामेंट के फ़ाइनल तक पहुंची थी, जहां उन्हें मोहाली में पंजाब से हार का सामना करना पड़ा था. इस बार हार्दिक की वापसी से टीम को मजबूती मिलेगी.बड़ौदा की टीम फ़िलहाल शानदार फ़ॉर्म में है और रणजी ट्रॉफ़ी के पहले फेज में 27 अंकों के साथ वे अपने ग्रुप में टॉप पर हैं. सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में बड़ौदा का पहला मैच 23 नवंबर को गुजरात के ख़िलाफ़ है.


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बीसीसीआई से हार्दिक ने किया था ये वादा
माना जा रहा है कि हार्दिक पंड्या ने बीसीसीआई के उस आदेश का माना है, जिसमें बोर्ड ने कहा था कि  नेशनल टीम बाहर चल रहे खिलाड़ियों को घरेलू टूर्नामेंट खेलना अनिवार्य होगा. दअसल, इस साल की शुरुआत में ही बोर्ड ने विकेट कीपर ईशान किशन और श्रेयस अय्यर को रणजी ट्रॉफी नहीं खेलने की वजह से सालाना सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट से बाहर कर दिया था. इसके बाद खूब विवाद हुआ. इसी दौरान हार्दिक पंड्या से भी BCCI ने बात की थी और रिपोर्ट्स के मुताबिक हार्दिक ने बोर्ड को भरोसा दिलाया था कि वो आने वाले डॉमेस्टिक सीजन में घरेलू टूर्नामेंट सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी जैसे लिमिटेड ओवर्स टूर्नामेंट खेलेंगे. इसके बाद बोर्ड ने उन्हें सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट में A ग्रेड में बरकरार रखा था.